Guruwar Ke Upay: गुरुवार के दिन जरूर करें ये काम, श्रीहरि की कृपा से पूरी होगी हर मुराद
भगवान विष्णु जगत के पालनहार कहे जाते हैं क्योंकि यह मान्यता है कि पूरे विश्व का पालन-पोषण विष्णु जी द्वारा ही होता है। गुरुवार का दिन श्रीहरि की पूजा-अर्चना से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। कई लोग इस दिन विष्णु जी के निमित्त व्रत भी करते हैं जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Guruwar Ke Upay) की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन विधिवत रूप से प्रभु श्रीहरि की पूजा करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसे में आपको गुरुवार के दिन ये काम जरूर करने चाहिए, ताकि विष्णु जी की कृपा आपके ऊपर बनी रहे।
मिट जाएंगे सभी कष्ट
गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होने के बाद भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें। साथ ही इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें। पूजा में विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने एक चुटकी हल्दी जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से श्रीहरि अति प्रसन्न होते हैं और साधक के ऊपर अपनी दया दृष्टि बनाए रखते हैं।
जरूर करें ये काम
गुरुवार की पूजा में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा करें। पूजा में उन्हें हल्दी और चने की दाल अर्पित करें और इनका दान भी करें। मान्यता है कि गुरुवार के दिन हल्दी और चने की दाल का दान करने से व्यक्ति को आर्थिक समस्या से राहत मिल सकती है।
इसी के साथ गुरुवार के दिन आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी मिलाकर गाय को अवश्य खिलाएं। ऐसा करने से प्रभु श्रीहरि की कृपा से साधक के जीवन के कष्ट धीरे-धीरे दूर होने लगते हैं।
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दाम्पत्य जीवन में बढ़ेगा प्रेम
दाम्पत्य जीवन में आ रही समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए भी गुरुवार का दिन बहुत ही खास माना गया है। इसके लिए गुरुवार के दिन पति-पत्नी को मिलकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूजा के दौरान प्रभु श्रीहरि को हल्दी की गांठ अर्पित करें और श्रद्धापूर्वक उनके मंत्रों का जप करें। ऐसा करने से शादीशुदा जीवन में प्रेम और खुशहाली बनी रहती है।
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विष्णु जी के मंत्र (Lord Vishnu Mantra)
शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
ॐ नमोः नारायणाय॥
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
विष्णु गायत्री मंत्र -
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
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