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    Guru Purnima 2025 Date: कब है गुरु पूर्णिमा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 09 Jul 2025 07:46 PM (IST)

    गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) के दिन स्नान-ध्यान कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा एवं भक्ति करने से जीवन में सुखों का संचार होता है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर दान करने का उत्तम माना जाता है।

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    Guru Purnima 2025 Date: गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में गुरु पूर्णिमा का खास महत्व है। यह पर्व आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन गुरु की पूजा की जाती है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि महाभारत के रचनाकार वेदव्यास जी का जन्म हुआ है। इसके लिए आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है।

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    धार्मिक मत है कि गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं की पूजा करने से जीवन में व्याप्त तम यानी अंधेरा छंट जाता है। साथ ही जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलता है। गुरु जीवन जीने की राह दिखाते हैं। इसके लिए गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उपाधि दी गई है।

    "गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।

    गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः।"

    इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। साथ ही अपने गुरु की सेवा और सम्मान करते हैं। आइए, गुरु पूर्णिमा की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।

    यह भी पढ़ें- Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को है, जानिए किस समय करें पूजा और स्नान दान

    गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Guru Purnima Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा की शुरुआत (अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार) 10 जुलाई को देर रात 01 बजकर 36 मिनट पर होगी। वहीं, 11 जुलाई को देर रात 02 बजकर 06 मिनट पर पूर्णिमा तिथि का समापन होगा। 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। गुरु पूर्णिमा पर चंद्रोदय समय शाम 07 बजकर 20 मिनट पर है।

    गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Guru Purnima Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो गुरु पूर्णिमा पर इंद्र योग, भद्रावास योग और पूर्वाषाढ़ा योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही बव करण का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में स्नान-ध्यान और गुरु की पूजा करने से साधक को शुभता का वरदान मिलेगा।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 20 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 10 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Guru Purnima 2025: गुरु पूर्णिमा पर गुरु और शिष्य दोनों भूमिका में निभाएंंगे योगी, कर सकते हैं रुद्राभिषेक

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।