Guru Purnima पर ये गलतियां पड़ सकती हैं भारी, जरूर रखें इन बातों का ध्यान
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2025) को अत्यंत पवित्र माना गया है। इस बार यह पूर्णिमा गुरुवार 10 जुलाई को मनाई जाएगी। अगर आप इन दिन पर कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपको धन की देवी की कृपा की प्राप्ति हो सकती है। चलिए जानते हैं गुरु पूर्णिमा से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ माह में आने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी तिथि को महाभारत ग्रंथ के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
इसके साथ ही यह तिथि देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए भी खास है। चलिए जानते हैं कि आपको इस दिन पर कौन-से काम करने से बचना चाहिए, ताकि देवी लक्ष्मी की कृपा आपके व आपके परिवार के ऊपर बनी रहे।
न करें ये काम
पूर्णिमा के दिन बाल और नाखून नहीं कटवाने चाहिए और न ही इस दिन काले रंग के कपड़े या फिर फटे हुए कपड़े पहने चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में नकारात्मकता बढ़ सकती है। साथ ही इस कामों को करने से देवी लक्ष्मी भी आपसे नाराज हो सकती हैं।
मिलेंगे बुरे परिणाम
गुरु पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन, मांस-मदिरा और प्याज-लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन पर केवल सात्विक भोजन ही करें। न केवल पूर्णिमा पर बल्कि अन्य दिनों पर भी किसी तरह की हिंसा से भी दूर रहें।
साथ ही इस दिन पर किसी से लड़ाई-झगड़ा करना, झूठ बोलना या किसी को नुकसान पहुंचाने आदि भी आपको अशुभ परिणाम दे सकता है। ऐसा करने से लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं और साधक को धन संबंधी समस्याएं बनी रहती हैं।
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रुष्ट हो जाएंगी देवी लक्ष्मी
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए, वरना इससे जीवन में दुर्भाग्य बढ़ने लगता है। साथ ही इस दिन घर की साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि गुरु पूर्णिमा के दिन आपके घर में अंधेरा नहीं होना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ने लगती है और देवी लक्ष्मी का आगमन नहीं होता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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