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    Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्र में मां के विभिन्न रूपों को चढ़ाते हैं लौंग, जानिए इससे क्या होता है

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 05:57 PM (IST)

    Gupt Navratri 2025 date गुप्त नवरात्र आषाढ़ माह में 26 जून से शुरू हो रहे हैं। मान्यता है कि इस दौरान की गई साधना जल्दी फलदायी होती है और जन्म कुंडली के दोष भी दूर होते हैं। मां दुर्गा को लौंग का भोग लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और जीवन के कष्टों का नाश होता है।

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    Gupt Navratri 2025: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए गुप्त नवरात्र में करते हैं साधना।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025 date) माघ और आषाढ़ माह में मनाए जाते हैं। तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वाले साधकों के लिए विशेष रूप से यह महत्वपूर्ण होते हैं। 

    मान्यता है कि इस दौरान की गई साधना जल्दी फलदायी होती है। इस दौरान की गई साधना से जन्म कुंडली के दोषों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के उद्देश्य से भी गुप्त नवरात्र के समय में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। 

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    इस साल अषाढ़ के गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025 date) 26 जून से शुरू हो रहे हैं। इस मौके पर मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए भक्ति विभिन्न प्रकार की सामग्रियों, फलों, मिठाई आदि का भोग लगाया जाता है। इसके साथ ही लौंग का भी विशेष महत्व है। 

    धार्मिक महत्व 

    मां दुर्गा की पूजा में लौंग का भोग लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। लौंग में वातावरण को शुद्ध करने की अद्भुत शक्ति होती है। हवन कुंड में या दीपक जलकर मां को लौंग का भोग लगाया जाता है, तो इसकी सुगंध से सारा वातावरण पवित्र हो जाता है। 

    मान्यता है कि मां को लौंग का भोग लगाने से उनकी कृपा जल्दी मिलती है। साथ ही जीवन में आ रहे सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है। सुख-समृद्धि मिलती है। 

    ज्योतिषी उपाय 

    ज्योतिष के अनुसार, नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा को लौंग अर्पित करने से ग्रहों की बधाएं खत्म होती हैं। विशेष रूप से यदि शनि, राहु या केतु के दुष्प्रभाव के चलते जीवन में परेशानियां आ रही हैं, तो लौंग का भोग लगाने से राहत मिलती है। 

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    मां के इन अवतारों को चढ़ाए लौंग

    यदि मानसिक शांति नहीं मिल रही है और आत्मबल में कमी महसूस होती है, तो मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हुए लौंग चढ़ाने से राहत मिलती हैं। 

    यदि आप अनजाने भय और बीमारियों से लंबे समय से परेशान चल रहे हैं और उससे मुक्ति का कोई उपाय नहीं मिल रहा है, तो चंद्रघंटा और कुष्मांडा की पूजा करने के बाद में उन्हें लौंग का भोग लगाएं। 

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    यदि शत्रुओं से परेशान हैं, कोर्ट-कचहरी का केस चल रहा है और उनसे निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है या जीवन में किए जाने वाले किसी भी काम में आपको लगातार बाधाएं आ रही हैं, तो मां कात्यायनी और कालरात्रि को लौंग का भोग लगाएं। 

    यदि सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्त करने की इच्छा है, तो मां सिद्धिदात्री की पूजा करने के बाद नवरात्र के मौके पर उन्हें लौंग का भोग लगाने से लाभ होता है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।