Gupt Navratri 2025 date: जून में कब शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्र, जानिए कैसे पाएं मां दुर्गा की कृपा
Gupt Navratri 2025 date गुप्त नवरात्र के इन नौ दिनों में मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं। गुप्त नवरात्र में घर को स्वच्छ रखें लाल फूलों से मंदिर को सजाएं और नियमित रूप से पूजन करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और जरूरतमंदों को दान करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस साल गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri 2025 date) 26 जून से शुरू हो रहे हैं। इसी दिन सुबह 5.25 बजे से 6.58 बजे के बीच घट स्थापना की जाएगी। इस समय में शारदीय नवरात्र की तरह पूजन और अनुष्ठान किए जाते हैं। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए इन नौ दिनों में अलग-अलग तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
साल में कुल चार नवरात्र होती हैं, जिसमें से चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र तो धूमधाम के साथ में मनाई जाती हैं। मगर, मां दुर्गा की उपासना के दो मौके ऐसे होते हैं, जिनमें गुप्त रूप से पूजा की जाती है। इन्हें गुप्त नवरात्र (Gupt Navratri June 2025) के नाम से जाना जाता है।
यह 9 दिन भी व्रत और उपासना के ही होते हैं, जिसमें आत्मा की शुद्धि और देवी की कृपा पाने का पूरा मौका साधक को मिलता है। आइए इस मौके पर जानते हैं मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए (Gupt Navratri puja vidhi) आपको क्या करना चाहिए।
गुप्त नवरात्र में ऐसे करें आराधना
घर में पवित्र रखें पूरे घर की साफ सफाई के बाद में मंदिर में मां दुर्गा की पूजा के लिए दरबार को अच्छी तरीके से साफ करके लाल फूलों से सजा और इन नौ दिनों में नियमित रूप से पूजनकरें।
आप चाहे तो पूरे 9 दिन का उपवास रख सकते हैं यदि ऐसा नहीं कर सकते तो कम से काम पहले और आखिरी दिन उपवास करने से लाभ मिलेगा।
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चैत्र और शारदीय नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र पर भी घर में दुर्गा की कृपा के लिए अखंड ज्योति जलाएं यह ज्योति 9 दिनों तक जलनी चाहिए जो की देवी की शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा से घर को भर देगी।
दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से नवरात्र में विशेष फल लाई होता है इससे देवी की कृपा प्राप्त होती है और सड़क को सभी प्रकार की सकारात्मक ऊर्जाएं मिलती हैं मां का आशीर्वाद बना रहता है।
नवरात्र के दौरान दान पुण्य करने का भी प्रावधान होता है जरूरतमंद लोगों को फल अनाज वस्त्र धन और दान दक्षिणा का दान करना चाहिए विशेष रूप से अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद में छोटी कन्याओं को भोजन के बाद में दक्षिण देना चाहिए।
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