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    Gupt Navratri की अष्टमी पर भद्रावास समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 30 Jan 2025 06:27 PM (IST)

    सनातन धर्म में माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही गुप्त महाविद्या की दस देवियों की उपासना की जाती है। मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2025 Yog) की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

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    Gupt Navratri 2025: मां दुर्गा को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 05 फरवरी को माघ माह के शुक्ल पक्ष की मासिक दुर्गा अष्टमी है। इस शुभ अवसर पर दस महाविद्याओं की आंठवी देवी मां बगलामुखी की पूजा की जाएगी। साथ ही उनके निमित्त अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। मां बगलामुखी की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी।

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    ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में जगत की देवी मां दुर्गा और उनकी शक्ति स्वरूप मां बगलामुखी की उपासना करने से हर एक मनोकामना पूरी होगी। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में जानते हैं।  

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    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 05 फरवरी को देर रात 02 बजकर 30 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 06 फरवरी को देर रात 12 बजकर 35 मिनट पर होगा। अत: जगत की देवी मां दुर्गा के निमित्त 05 फरवरी को अष्टमी का व्रत रखा जाएगा।

    सर्वार्थ सिद्धि योग

    गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का योग बन रहा है। इस योग का संयोग शाम 08 बजकर 33 मिनट से हो रहा है। इसके साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग पूर्ण रात्रि तक है। साथ ही तैतिल और गर करण के योग हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

    भद्रावास योग

    माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर भद्रावास योग का भी संयोग है। इस दिन भद्रा दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक स्वर्ग में रहेंगे। भद्रावास योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 07 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 04 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 30 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 15 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 01 मिनट से 06 बजकर 27 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजकर 01 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।