Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gupt Navratri 2024: बेहद गुप्त है यह नवरात्र, व्रत करने से मिलेंगे चमत्कारी लाभ

    Updated: Sat, 06 Jul 2024 03:17 PM (IST)

    आषाढ़ गुप्त नवरात्र के दौरान देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है। यह समय तंत्र विद्या के लिए बहुत महत्व रखता है। अगर आप देवी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस दौरान उनकी विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। साथ ही सात्विकता का पालन करना चाहिए तो चलिए इस व्रत के लाभ क्या हैं उसके बारे में जानते हैं ?

    Hero Image
    Gupt Navratri 2024: बेहद गुप्त है यह नवरात्र -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ मास में पड़ने वाली गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा होती है। इस साल इस महापर्व की शुरुआत 6 जुलाई, दिन शनिवार को यानी आज से हुई है। वहीं, इसका समापन 15 जुलाई को होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह नौ दिवसीय त्योहार (Gupt Navratri 2024) तंत्र और मंत्र के लिए विशेष महत्व रखता है, तो आइए इस व्रत को करने से क्या लाभ मिलते हैं, उसके बारे में जानते हैं -

    बेहद गुप्त है यह नवरात्र

    माना जाता है कि बाकी नवरात्र की तुलना में ये बहुत गुप्त मानी जाती है। भक्त इस दौरान 10 महाविद्याओं को प्रसन्न करने के लिए उपवास रखते हैं और विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान करते हैं। यह आध्यात्मिक अभ्यास और गुप्त ज्ञान प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ समय माना जाता है, जो लोग तंत्र विद्या में सिद्धि प्राप्त करने की कामना रखते हैं, उनके लिए यह समय काफी लाभकारी माना जाता है।

    व्रत के लाभ

    • ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्र के दौरान व्रत रखने से कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ मिलते हैं।
    • इससे साधक का मन और शरीर शुद्ध होता है।
    • इस उपवास को करने से मानसिक शांति, गहन ध्यान और साधना में सहायता मिलती है।
    • इसका व्रत का सच्ची भक्ति के साथ पालन करने से सुरक्षा, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
    • इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति का जीवन कल्याण की ओर अग्रसर होता है।
    • जीवन में आनी वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
    • व्रती के ऊपर मां दुर्गा का आशीर्वाद सदैव के लिए बना रहता है।

    देवी दुर्गा के मंत्र

    1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

    दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

    यह भी पढ़ें: Gupt Navratri 2024: आज से शुरू हुई आषाढ़ गुप्त नवरात्र, नोट करें पूजा से जुड़ी संपूर्ण जानकारी

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।