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    Gupt Navratri 2025: 25 या 26 जून, कब शुरू होगी गुप्त नवरात्र? भूलकर भी न करें ये काम

    Updated: Thu, 19 Jun 2025 11:56 AM (IST)

    गुप्त नवरात्र का पर्व सनातन धर्म में बहुत शुभ माना जाता है जो मां दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान (Gupt Navratri 2025) देवी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और रोग-दोष दूर होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल गुप्त नवरात्र कब शुरू होगी? आइए उसकी सही डेट जानते हैं जो इस प्रकार है।

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    Gupt Navratri 2025: गुप्त नवरात्र के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व बहुत शुभ माना जाता है। यह मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। गुप्त नवरात्र को तंत्र-मंत्र और गुप्त सिद्धियों के लिए विशेष माना जाता है। इस दौरान देवी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहते हैं कि इस दौरान कठिन उपवास (Gupt Navratri 2025) करने से सभी तरह के रोग-दोष दूर होते हैं।

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    वहीं, इस साल इसकी सही डेट को लेकर लोगों के मन में थोड़ी कन्फ्यूजन है, तो आइए यहां इसकी सही डेट जानते हैं, जो इस प्रकार है।

    Img Caption - Freepic

    25 या 26 जून कब शुरू होगी गुप्त नवरात्र 2025? (Gupt Navratri 2025 Date And Time)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरुवार 25 जून को शाम 04 बजे से आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 26 जून को दोपहर 01 बजकर 24 मिनट पर होगा। उदया तिथि को देखते हुए 26 जून से गुप्त नवरात्र शुरू होगी।

    घटस्थापना समय - 26 जून को सुबह 05 बजकर 25 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक।

    अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक।

    गुप्त नवरात्र में इन बातों का रखें ध्यान (Gupt Navratri 2025 Kya Karen Or Kya Nahin?)

    • इन नौ दिनों में मांसाहार, प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।
    • नवरात्र के दौरान बाल और नाखून काटने से बचें।
    • चमड़े से बनी वस्तुओं जैसे बेल्ट, पर्स आदि का प्रयोग न करें।
    • घर में शांति और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
    • लड़ाई-झगड़े, बहस और अपशब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें।
    • व्रती दिन में सोने से बचें।
    • मन में किसी के प्रति बुरे विचार न लाएं।
    • इन नौ दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
    • देवी की पूजा पूरे विधि-विधान से करें।
    • पूजा सामग्री और विधि में किसी भी तरह की कमी न छोड़ें।
    • स्त्री का अपमान भूलकर भी न करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।