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    Gita Updesh: इन कामों से बनाएं दूरी, नहीं तो छिन जाएगा जिंदगी का सुख-चैन

    Updated: Mon, 12 May 2025 12:05 PM (IST)

    द्वापर काल में श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों ने अर्जुन को युद्ध में विजय प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाई थी। गीता के उपदेश व्यक्ति का सही मार्गदर्शन करने में सहायता करते हैं। आज न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी कई लोग अपने जीवन की उलझन को दूर करने के लिए श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते हैं।

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    Geeta's teachings for success (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध की भूमि में उनके अधिकार और कर्तव्य से परिचित कराया था। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेश श्रीमद्भागवत गीता में निहित हैं, जिसका पाठ आज भी किया जाता है, ताकि सही मार्गदर्शन मिल सके। आज हम आपको गीता में बताई गई कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे दूरी बनानी चाहिए, वरना आपको इसका काफी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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    रखें इस बात का ध्यान

    भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि कि व्यक्ति को हमेशा अपनी मेहनत द्वारा कमाए गए धन का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति धोखे से या फिर किसी और की मेहनत से कमाए हुए धन का इस्तेमाल करता है, तो इसका बुरा असर उसके शरीर और मन दोनों पर पड़ता है।

    वहीं भागवत गीता में यह भी कहा गया है कि गलत तरीके से कमाए गए पैसे कभी नहीं टिकते और व्यक्ति को हमेशा धन की समस्या बनी रहती है। ऐसा धन व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार के लिए भी मुसीबत बन सकता है।

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    ऐसे लोग होते हैं पापी

    भागवत गीता में बताया गया है जो व्यक्ति पराई स्त्री पर गलत नजर डालता है, वह भी पापी है। गीता में भी भगवान कृष्ण ने महिलाओं का सम्मान और उनकी रक्षा करने की सीख दी है। ऐसे में अगर आप पाप के भागीदार नहीं बनना चाहते तो, स्त्रियों का हमेशा मान-सम्मान करें। 

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    मिलते हैं बुरे परिणाम

    आज के समय में हिंसा से जुड़ी घटनाएं लगभग रोज ही सुनने में आती हैं। गीता के अनुसार, हिंसा करना भी पाप की श्रेणी में ही आता है, चाहे वह शारीरिक हो या फिर मानसिक हिंसा। हिंसा करने वाले को हमेशा बुरा परिणाम ही प्राप्त होता है। इसके साथ ही 

    इन चीजों का करें त्याग

    गीता उपदेश में इस बात का वर्णन किया गया है कि ईर्ष्या और अहंकार व्यक्ति को हमेशा गलत मार्ग पर ले जाते हैं और उसके विनाश का कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही भगवद गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि लालच भी व्यक्ति के विनाश में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में व्यक्ति को इन तीनों चीजों का त्याग कर देना चाहिए, तभी आप जीवन में सफलता प्राप्ति कर सकते हैं। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।