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    Gita Updesh: गीता के अनुसार, व्यक्ति के कौन-से गुण बना सकते हैं उसे महान

    Updated: Thu, 08 May 2025 05:51 PM (IST)

    भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश श्रीमद्भगवत गीता में निहित हैं। आज गीता का पाठ केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य देशों में भी सही मार्गदर्शन के लिए इसका पाठ किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गीता के अनुसार व्यक्ति के कौन-से गुण उसे महान बना सकते हैं।

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    मार्गदर्शन के लिए गीता के उपदेश (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गीता के उपदेश व्यक्ति के जीवन को निराशा से उबारने और एक नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकते हैं। बस जरूरत है, तो इसमें निहित अर्थ को अपने जीवन में उतारने की। ऐसे में आज हम आपको गीता के कुछ ऐसे उपदेश बताने जा रहे हैं, जो आपको सकारात्मक विचारों से भर देंगे। 

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    कौन है सर्वश्रेष्ठ

    अपने धर्म और कर्तव्यों का पालन करना ही एक व्यक्ति को वास्तविक सौंदर्य प्रदान करता है। अर्थात जो व्यक्ति अपने कर्तव्यों और धर्म को जानता है और उसका पूर्ण रूप से पालन करता है, वही सर्वश्रेष्ठ है। 

    होते हैं ये गुण

    गीता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति में शांति, सौम्यता, मौन, आत्म संयम और पवित्रता का गुण विद्यमान है, तो उसकी गिनती भी सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों में भी की जाती है। ये पांच चीजें मन को अनुशासित करती हैं और समाज में व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है।

    ध्यान रखें ये बात

    गीता में कहा गया है कि व्यक्ति का अधिकार केवल उसके कर्मों पर है, न कि उस कर्म से मिलने वाले फल पर। ऐसे में फल की चिंता किए बिना केवल कर्म करते रहना चाहिए। जो व्यक्ति इस बात का समझ जाता है, वह भी सर्वश्रेष्ठ कहलाता है।

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    रखें सकारात्मक सोच

    गीता में इस बात का वर्णन किया गया है कि व्यक्ति जैसा विश्वास करता है, वैसा ही बन जाता है। इसलिए वही व्यक्ति श्रेष्ठ बन सकता है, जो खुद पर भरोसा रखे और हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच अपनाएं।

    अपनी प्रकृति के अनुसार करें काम

    गीता में कहा गाया है कि हर व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुसार ही कार्य करता है। किसी भी व्यक्ति की प्रकृति को जबरदस्ती बदला नहीं जा सकता। ऐसे में अगर आप अपनी प्रवृति और गुणों के अनुसार, काम करेंगे, आपको सफलता जरूर मिलेगी। 

    (Picture Credit: Freepik)

    समझ जाएं ये बातें

    भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि जीवन में सुख-दुख का आना-जाना तो लगा रहता है। ऐसे में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति वही है, जो उन्हें सहना सीख जाए। इस गुण को अपनाते से आपको जीवन में आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।