Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा पर गंगा स्नान से 10 तरह के पाप कटते हैं, करें 10 तरह के दान
गंगा दशहरा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में मां गंगा का अवतरण हुआ था। इस दिन पवित्र गंगा नदी में 10 डुबकी लगाने से शरीर वाणी और मन से किए 10 तरह के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Dussehra 2025: हिंदू धर्म में तिथियों का विशेष महत्व है। यह तिथियां ही किसी दिन को विशेष बनाती हैं और खास ऊर्जा से जोड़ती हैं। पांच जून को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था।
दशमी तिथि यानी 10 अंक का इस दिन विशेष महत्व है। शास्त्रों में गंगा को मोक्षदायिनी कहा गया है। गंगा स्नान करने से 3 तरह के कायिक यानी शरीर से किए हुए पाप, 4 तरह के वाचिक यानी वाणी से किए गए पाप और तीन तरह के मानसिक पापों का नाश होता है।
इस तरह से गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की 10 बार डुबकी लगाने से 10 तरह के पापों का नाश होता है। गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य को मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, उसके पूर्वजों को भी शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जानिए कौन से पाप होते है नष्ट
गंगा में 10 बार डुबकी लगाने से तीन तरह के शरीर से किए पाप नष्ट होते हैं। इनमें हिंसा यानी किसी को नुकसान पहुंचाना या कष्ट पहुंचाना। चोरी करना या बिना किसी की इजाजत के उसकी चीज लेना। अवैध यौन संबंध या पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री के साथ यौन संबंध बनाने से मुक्ति मिलती है।
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इसके अलावा, कठोर वाणी बोलने का पाप, दूसरे का धन हड़पने का पाप, दूसरों का बुरा करना, व्यर्थ की बातों में दुराग्रह, झूठ बोलने का पाप, चुगली करने का पाप, दूसरों का अहित करने का पाप से भी गंगा में स्नान करने से मुक्ति मिलती है।
कब और कितनी लगानी चाहिए डुबकी
गंगा दशहरा के दिन गंगा में स्नान करते समय 10 बार डुबकी लगानी चाहिए। स्नान करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सूर्योदय तक के समय का समय सर्वोत्तम है। इस समय स्नान करने से सूर्य की ऊर्जा से आत्मविश्वास, यश, पद और प्रतिष्ठा मिलती है।
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गंगा की पूजा के लिए हर सामग्री की संख्या भी 10 ही होती है। इसमें 10 फूल, 10 दीप, 10 फल, 10 मिठाई को रखा जाता है। साथ ही इस दिन 10 प्रकार के दान जैसे जल दान, अन्न दान, घी दान, पूजा या सुहाग सामग्री का दान, तेल का दान, शक्कर का दान, फल का दान, वस्त्र का दान या सामर्थानुसार सोने का दान कर सकते हैं। इसलिए गंगा दशहरा पर 10 संख्या का बड़ा महत्व है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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