Ganga Dussehra 2025: गंगा दशहरा से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, निवेश में मिलेगा
सनातन धर्म में ज्येष्ठ माह को विशेष महत्व दिया है। इस माह में कई व्रत और पर्व मनाए जाते हैं जिनमें गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2025) का त्योहार भी शामिल है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन पृथ्वी पर मां गंगा का अवतरित हुई थीं। वहीं इस बार गंगा दशहरा के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2025) के दिन गंगा स्नान और दान करने से साधक को सभी पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार गंगा दशहरा के दिन ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है, जिसका प्रभाव राशि के जातकों पर पड़ेगा।
ज्योतिष गणना के अनुसार, 18 मई राहु को राहु कुंभ राशि और केतु सिंह राशि में गोचर करेंगे। वहीं, 31 मई को शुक्र देव मेष राशि में गोचर करेंगे। इन ग्रहों की शुभ स्थिति का प्रभाव मेष और कन्या राशि के जातकों पर पड़ेगा, जिससे इन राशियों के अच्छे दिन शुरू होंगे। ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं कि मेष और कन्या राशि के जातकों को कौन-से लाभ मिलेंगे।
मेष (Aries)
गंगा दशहरा का दिन मेष राशि के लोगों के लिए बेहद खास रहने वाला है। गंगा दशहरा से इस राशि के अच्छे दिन शुरू होंगे। समाज में समाना बढ़ेगा। किसी काम में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। किसी चीज में किया गया निवेश में लाभ मिलेगा। नौकरी से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा, जिससे आपका मन प्रसन्न होगा।
कन्या (Virgo)
इसके अलावा गंगा दशहरा का दिन कन्या राशि के लिए शुभ रहने वाला है। इस राशि के रुके हुए काम पूरे होने के योग बनेंगे। जॉब में सफलता मिलेगी, जिससे आपका मन बेहद खुश होगा। धन से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलेगा। सेहत में लाभ मिलेगा। काम में आ रही बाधा दूर होगी।
कब है गंगा दशहरा 2025 (Ganga Dussehra 2025 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 04 जून को देर रात 11 बजकर 54 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी न 06 जून को देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर होगा। इस प्रकार 05 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।
मां गंगा के इन मंत्रों का करें जप
- गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।
- ॐ नमो गंगायै विश्वरूपिण्यै नारायण्यै नमो नमः
- गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं
- "गंगा गंगेति यो ब्रूयात, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति
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