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    Ganesh Ji Vahan: कैसे भगवान गणेश का वाहन बनें मूसक राज?

    भगवान गणेश की पूजा बहुत ही फलदायी और कल्याणकारी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गणेश भगवान की आराधना करने से जीवन के सभी कष्टों का अंत होता है। वहीं आज हम अपने इस आर्टिकल में ये जानेंगे कि आखिर गणेश जी (Ganesh Ji Ka Vahan) ने मूषक राज को ही अपने वाहन के रूप में क्यों चुना?

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 22 Mar 2025 01:22 PM (IST)
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    Ganesh Ji Vahan: मूषक राज कैसे बनें बप्पा के वाहन?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पूजा बुद्धि, ज्ञान और शुभता के प्रतीक के रूप में होती है। गणेश जी का वाहन एक छोटा सा चूहा है, जिसे मूषक राज के नाम से जाना जाता है। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर गणेश जी ने मूषक राज को ही वाहन (Ganesh Vehicle Story) के रूप क्यों स्वीकार किया आइए यहां जानते हैं।

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    मूषक राज कैसे बनें बप्पा के वाहन? (Ganesh Ji Vahan Katha)

    गणेश पुराण के अनुसार, मूषक राज पहले क्रौंच नामक का एक गंधर्व था। एक बार उसने ऋषि वामदेव का अपमान किया, जिसके कारण ऋषि ने उसे चूहा बनने का श्राप दिया। चूहा बनने के बाद, क्रौंच ने ऋषि पराशर के आश्रम में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। उसने आश्रम में सब कुछ नष्ट कर दिया, जिससे ऋषि और अन्य निवासी बहुत परेशान हुए। ऋषि पराशर ने भगवान गणेश से मदद मांगी। भगवान गणेश ने क्रौंच को सबक सिखाने का फैसला किया। उन्होंने अपना पाश फेंका और क्रौंच को पकड़ लिया।

    इसके बाद क्रौंच ने अपनी गलती के लिए भगवान गणेश से माफी मांगी। भगवान गणेश ने उसे माफ कर दिया, लेकिन उन्होंने उसे अपना वाहन बनने के लिए कहा। इसके बाद उसने भगवान गणेश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और उनका वाहन बन गया। तब से मूषक राज भगवान गणेश के साथ हमेशा रहता है।

    गणेश पूजा का महत्व (Ganesh Ji Puja Significance)

    भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूज्य माना गया है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा होती है। भगवान गणेश को शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है, जो लोग बप्पा की आराधना करते हैं, उनके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और कार्य में सफलता मिलती है। इसके अलावा घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।