Bada Mangal 2025 Daan: राशि अनुसार चौथे बड़े मंगल पर करें इन चीजों का दान, मिलेगी श्रीराम की कृपा
सनातन शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ माह में मंगलवार के दिन (Bada Mangal 2025 Daan) भगवान श्रीराम की भेंट परम सेवक हनुमान जी से हुई थी। इसके लिए मंगलवार का दिन हनुमान जी को बेहद प्रिय है। मंगलवार के दिन राम जी की पूजा करने से हनुमान जी बेहद प्रसन्न होते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 03 जून को ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। साथ ही ज्येष्ठ माह का चौथा मंगल है। इस शुभ अवसर पर देवी मां दुर्गा और राम परिवार संग हनुमान जी की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही मंगलवार और अष्टमी का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को करने से व्यक्ति को अक्षय फल मिलता है।
.jpg)
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के चौथे मंगलवार पर हर्षण योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इन योग में हनुमान जी की पूजा एवं दान करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। अगर आप भी हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो बड़े मंगल पर पूजा के बाद इन चीजों का दान करें।
यह भी पढ़ें: धन की कमी दूर करेंगे तुलसी के ये उपाय, नेगेटिव एनर्जी से मिलेगा छुटकारा
राशि अनुसार दान
मेष राशि के जातक चौथे बड़े मंगल पर पूजा के बाद सेब और शकरकंद का दान करें।
वृषभ राशि के जातक मंगलवार के दिन पूजा के बाद चावल और नमक का दान करें।
मिथुन राशि के जातक बड़े मंगल पर पूजा के बाद हरी सब्जियों और फलों का दान करें।
कर्क राशि के जातक मंगलवार के दिन पूजा के बाद आटा और चीनी का दान करें।
सिंह राशि वाले राम भक्त हनुमान जी की कृपा पाने के लिए पूजा के बाद गेहूं का दान करें।
कन्या राशि के जातक राम जी को प्रसन्न करने के लिए गौशाला का धन का दान करें।
तुला राशि के जातक बड़े मंगलवार के दिन दूध, दही, चीनी और पोहा का दान करें।
वृश्चिक राशि के जातक हनुमान जी की कृपा पाने के लिए लाल रंग के कपड़े का दान करें।
धनु राशि के जातक ज्येष्ठ मंगलवार पर पूजा करने के बाद पीले कपड़े का दान करें।
मकर राशि के जातक मासिक दुर्गा अष्टमी के दिन जूते और चप्पल का दान करें।
कुंभ राशि के जातक बड़े मंगल पर पूजा के बाद छाता और काले तिल का दान करें।
मीन राशि के जातक मंगलवार के दिन पूजा के बाद बेसन और पीले फल का दान करें।
यह भी पढ़ें: आखिर क्यों शनि की व्रकी दृष्टि से बच न सके भगवान गणेश, जानिए पौराणिक कथा
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।