Falgun Weekly Vrat Tyohar 2025: खास है फाल्गुन का महीना, पहले हफ्ते में मनाए जाएंगे ये व्रत-त्योहार
माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। इस साल यह महीना अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 13 फरवरी से 14 मार्च तक रहने वाला है। इसके बाद चैत्र माह से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होगी। फाल्गुन माह के पहले सप्ताह (Falgun Weekly Festival List) में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं उन व्रत-त्योहारों की सूची।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघ के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह आखिरी महीना होता है। धार्मिक दृष्टि से फाल्गुन का महीना खास महत्व रखता है, क्योंकि इसमें होली और शिवरात्रि जैसे प्रमुख व्रत-त्योहार किए जाते हैं। 13 फरवरी से फाल्गुन माह की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस महीने के पहले सप्ताह में कौन-से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे।
फाल्गुन के पहले हफ्ते के व्रत-त्योहार (Falgun Festivals List)
- 13 फरवरी 2025, गुरुवार - इस दिन पर फाल्गुन माह की प्रतिपदा तिथि है, यानी इस दिन से फाल्गुन माह की शुरुआत हो चुकी है।
- 16 फरवरी 2025, रविवार - इस दिन द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी। यह संकष्टी चतुर्थी हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती है। इस तिथि पर मुख्य रूप से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
- 18 फरवरी 2025, मंगलवार - इस दिन पर यशोदा जयंती मनाई जाएगी, जो हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से संतान को लंबी उम्र का वरदान मिलता है।
- 19 फरवरी 2025, बुधवार - इस दिन पर छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाएगी। इस दिन को महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही यह दिन मुख्य रूप से शिवाजी महाराज के जीवन और उपलब्धियों को मनाने के लिए भी समर्पित माना जाता है।
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(Picture Credit: Freepik) (AI Image)
फाल्गुन माह का महत्व
हिंदू धर्म में फाल्गुन माह का विशेष महत्व माना गया है। साथ ही यह मास भगवान श्रीकृष्ण और राधा की लीलाओं का महीना भी माना जाता है। फाल्गुन माह की शुरुआत में ही मथुरा, वृंदावन और बरसाना में होली का त्योहार शुरू हो जाता है। इसी के साथ भागवत पुराण में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करने के लिए उत्तम बताया गया है। इस अवधि में भगवान शिव की आराधना और दान-पुण्य करने से साधक को अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं।
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