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    Shabari Jayanti 2025: फरवरी में कब है शबरी जयंती, शुभ फलों के लिए इस तरह करें प्रभु श्रीराम की पूजा

    Updated: Thu, 13 Feb 2025 04:13 PM (IST)

    पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती (Shabari Jayanti 2025) मनाई जाती है। इस दिन पर भगवान राम की पूजा के साथ-साथ माता शबरी की भी पूजा करने का भी विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं शबरी जयंती कब मनाई जाएगी साथ ही जानते हैं इस दिन के लिए पूजा विधि।

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    Shabari Jayanti 2025 कब मनाई जाएगी शबरी जयंती?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शबरी को भगवान श्रीराम के प्रति अपनी अटूट भक्ति के लिए जाना जाता है, जिसने राम जी की प्रतिक्षा में अपने जीवन के कई साल गुजार दिए थे। जब भगवान राम 14 साल का वनवास काट रहे थे, तब उन्होंने शबरी को दर्शन दिए थे। फाल्गुन माह में आने वाली शबरी जयंती (Shabari Jayanti 2025 Significance) के दिन अगर पूरे विधि-विधान से भगवान राम की आराधना की जाए, तो इससे साधक पर प्रभु श्रीराम की अपार कृपा बरसती है।

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    शबरी जयंती शुभ मुहूर्त (Shabari Jayanti Kab Hai)

    फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 19 फरवरी को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदया तिथि को देखते हुए शबरी जयंती गुरुवार, 20 फरवरी को मनाई जाएगी।

    शबरी जयंती की पूजा विधि

    शबरी जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएं। इसके बाद प्रभु श्रीराम और माता शबरी का स्मरण करें। मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद भगवान राम और माता शबरी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। अब पूजा में भगवान राम को फल-फूल, अक्षत, धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें।

    भोग के रूप में आप भगवान राम को बेर चढ़ा सकते हैं, क्योंकि शबरी ने भी राम जी को बेर ही खिलाए थे, जिससे वह अत्यंत प्रसन्न हुए थे। इस दिन पर श्री रामचरित मानस का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इससे साधक और उसके परिवार पर राम जी की कृपा दृष्टि सदा बनी रहती है।

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    करें इन मंत्रों का जप

    श्री राम जय राम जय जय राम

    श्री रामचन्द्राय नमः

    राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे । सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने

    || नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट ||

    || लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट ||

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।