Valentines Day 2025: कौन थे संत वेलेंटाइन? जिनकी याद में मनाया जाता है प्यार का दिन
कपल्स को वेलेंटाइन डे का काफी बेसब्री से इंतजार रहता है। यह वह दिन है जब लोग प्यार का इजहार करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इस दिन को मनाने की शुरुआत क्यों और कैसे हुई। असल में इसकी कहानी संत वेलेंटाइन (Who is Saint Valentine) से जुड़ी हुई मानी जाती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल 7 फरवरी को रोज डे के साथ प्यार का सप्ताह मनाने की शुरुआत हो जाती है, जिसे वेलेंटाइन वीक के नाम से जाना जाता है। इस क्रम में प्रपोज डे, चॉकलेट डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, हग डे, किस डे और आखिर में वेलेंटाइन डे (Valentines Day 2025) मनाया जाता है।
इस सभी में वेलेंटाइन डे को सबसे खास माना जाता है, जिसे कई देशों में बड़े ही खास तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वेलेंटाइन डे असल में एक संत के बलिदान से जुड़ा है।
कौन थे वेलेंटाइन
वेलेंटाइन डे मनाने के पीछे कई किंवदंतियां मिलती हैं, लेकिन सबसे लोकप्रिय संत वेलेंटाइन (Saint Valentine) की कहानी है, जिसके अनुसार वह तीसरी शताब्दी में एक रोमन पादरी थे। रोमन के सम्राट क्लॉडियस द्वितीय का मानना था कि सैनिक प्यार करने लगेंगे, तो इससे उनका ध्यान भटक सकता है, वहीं अकेले रहकर वह बेहतर लड़ सकते हैं।
इसलिए उन्होंने सैनिकों के विवाह पर रोक लगा दी थी। इस दौरान संत वेलेंटाइन ने चौरी-छिपे कई सैनिकों की शादी करवाई थी। एक दिन उन्हें पकड़ लिया गया, जेल में डाल दिया गया। 269 ई. में 14 फरवरी को उन्हें मौत की सजा दी गई।
(Picture Credit: Freepik)
यह भी पढ़ें - Valentine’s Day 2025 Gift: वैलेंटाइन वीक में भूलकर भी न दे ऐसें गिफ्ट, वरना रिश्ते में आ सकती है खटास
इस तरह हुई शुरुआत
संत वेलेंटाइन प्यार का प्रचारक थे, इसलिए लोगों ने यह माना की उन्होंने दुनिया को प्यार का संदेश देने के लिए अपने प्राणों की बलि दी है। इसलिए 14 फरवरी का दिन प्यार के दिन के रूप में सेलिब्रेट करने के लिए वैलेंटाइन डे मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन के बाद से ही रोम समेत दुनियाभर में प्यार का दिन मनाया जाने लगा।
(Picture Credit: Freepik)
यह भी पढ़ें - Propose Day 2025 : प्यार का करने जा रहे हैं इजहार तो ले जाएं ये तोहफे, पार्टनर होगा खुश- बन जाएगी बात
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।