Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Masik Janmashtami 2025 Date: कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 17 Feb 2025 09:08 AM (IST)

    सनातन धर्म में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (Masik Krishna Janmashtami 2025 Date) पर काल भैरव देव की भी पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। तंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन भक्ति करते हैं। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। मासिक जन्माष्टमी के दिन मंदिरों में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है।

    Hero Image
    Krishna Janmashtami 2025 Date: भगवान कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। साथ ही मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2025) का व्रत रखा जाता है। भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। अतः साधक मासिक जन्माष्टमी पर भक्ति भाव से जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मासिक जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 20 फरवरी को सुबह 09 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी और 21 फरवरी को सुबह 11 बजकर 57 पर समाप्त होगी। अष्टमी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निशा काल में होती है। अतः 20 फरवरी को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

    यह भी पढ़ें: विजया एकादशी पर शिववास योग समेत बन रहे हैं ये 3 अद्भुत संयोग, जीवन होगा खुशहाल

    मासिक जन्माष्टमी शुभ योग (Masik Krishna Janmashtami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर विशाखा और अनुराधा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही ध्रुव योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं। इसके साथ ही शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। 

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 55 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 15 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 28 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 38 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 01 बजे तक

    यह भी पढ़ें: फरवरी में कब है फाल्गुन अमावस्या? अभी नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।