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    Falgun Amavasya 2025 Date: फरवरी में कब है फाल्गुन अमावस्या? अभी नोट करें पूजा का शुभ मुहूर्त

    Updated: Sun, 16 Feb 2025 09:56 AM (IST)

    सनातन धर्म में फाल्गुन महीने में पड़ने वाली अमावस्या को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल फाल्गुन अमावस्या (Falgun Amavasya 2025) के पर्व को होली से पहले मनाया जाता है। इस तिथि पर पवित्र नदी में स्नान ध्यान और दान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इन कामों को करने से व्यक्ति को पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

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    Falgun Amavasya 2025: फाल्गुन अमावस्या पर कैसे करें पूजा? (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने में अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही पितरों का पिंडदान और तर्पण किया जाता है। इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनकी कृपा से व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान, ध्यान करना बेहद फलदायी साबित होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं फाल्गुन अमावस्या (Kab Hai Falgun Amavasya 2025) की डेट शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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    फाल्गुन अमावस्या 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Falgun Amavasya 2025 Date and Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में फाल्गुन अमावस्या का पर्व 27 फरवरी को मनाया जाएगा।

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    शुभ समय

    ब्रह्म मुहूर्त - प्रातः 05 बजकर 09 मिनट से 05 बजकर 58 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 07 मिनट से शाम 06 बजकर 42 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 08 मिनट से 12 फरवरी रात 12 बजकर 58 मिनट तक

    अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 57 मिनट तक

    सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

    सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 48 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 20 मिनट पर

    चंद्रोदय - कोई नहीं

    चन्द्रास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

    फाल्गुन अमावस्या पूजा विधि (Falgun Amavasya Puja Vidhi)

    • फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दौरान सच्चे मन से पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना करें।
    • दीपक जलाकर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करें।
    • फल और मिठाई का भोग लगाएं।
    • विष्णु जी के मंत्रों का जप करें।
    • इसके बाद जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कामना करें।
    • मंदिर या फिर गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और कपड़े का दान करें। धार्मिक मान्यत है कि फाल्गुन अमावस्या के दिन दान करने से व्यक्ति को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
    • फाल्गुन अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।