Pradosh Vrat 2025 Date: कब है फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
फाल्गुन का महीना देवों के देव महादेव (Pradosh Vrat 2025 Date) को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। फाल्गुन महीने में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2025: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही त्रयोदशी तिथि पर शिव-शक्ति के निमित्त व्रत रखा जाता है। इस अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। इस व्रत का फल दिन अनुसार प्राप्त होता है। ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। आइए, फाल्गुन माह के पहले प्रदोष व्रत के बारे में सबकुछ जानते हैं-
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प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। 25 फरवरी को प्रदोष काल शाम 06 बजकर 18 मिनट से 08 बजकर 49 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार समय पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो फाल्गुन माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ त्रिपुष्कर योग और वरीयान योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग है। साथ ही उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का भी योग है। इन योग में भगवान शिव की पूजा उपासना करने से साधक को सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 10 मिनट से 06 बजे
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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