Durga Ashtami 2025: कब है दुर्गा अष्टमी? यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि देवी मां गौरी (Durga Ashtami 2025) को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर दुर्लभ शोभन योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। वहीं संध्याकाल से लेकर निशा काल तक शिववास योग का संयोग है। इन योग में जगत जननी मां जगदंबा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। नवरात्र के नौ दिन अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। साल 2025 में शारदीय नवरात्र 22 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 1 अक्टूबर, बुधवार को संपन्न होगी। नवरात्र के दौरान भक्त व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक माता दुर्गा की पूजा करते हैं।
इनमें अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, जिसे महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है। इस तिथि को इसलिए खास माना जाता है क्योंकि इसे माता महागौरी की पूजा और चंड-मुंड नामक दानवों के संहार से जोड़ा गया है। इस साल मंगलवार 30 सितंबर को दुर्गा अष्टमी है।
मां महागौरी की आराधना
अष्टमी के दिन माता महागौरी की आराधना की जाती है। मां मातृत्व, आशीर्वाद और आध्यात्मिक शक्ति देने वाली देवी मानी जाती हैं। उनकी पूजा से भक्त भय और संकट से मुक्ति पाते हैं। माता को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है, इसलिए इस दिन कन्याओं को भोजन करवा कर उनका सम्मान किया जाता है, जिससे घर में कभी अन्न की कमी न हो।
अष्टमी तिथि के दिन पूजा से मिलने वाले लाभ
अष्टमी तिथि, जिसे महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी भी कहा जाता है, नवरात्र के नौ दिन विशेष रूप से पवित्र माने जाते हैं। इस दिन माता महागौरी की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों को अनेक प्रकार के आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।
मनोकामनाओं की पूर्ति
जो भक्त इस दिन श्रद्धा और भक्ति से पूजा करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माता महागौरी भक्तों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाती हैं। इससे परिवार में सुख-शांति और प्रेम का वातावरण बनता है।
भय और रोग से मुक्ति
माता महागौरी का आशीर्वाद भक्तों को भय, मानसिक तनाव और शारीरिक रोगों से मुक्ति दिलाता है। उनकी कृपा से जीवन में आने वाली कठिनाइयां, दु:ख और संकट कम होते हैं। भक्त मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं सशक्त महसूस करते हैं।
आध्यात्मिक उन्नति
इस दिन की पूजा आध्यात्मिक साधना करने वाले भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी होती है। माता की कृपा से मोह-माया और सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिलती है। भक्तों का ध्यान और चेतना उच्च स्तर पर पहुँचती है, जिससे वे अपने जीवन में संतुलन और स्थिरता अनुभव करते हैं।
बुद्धि और शक्ति में वृद्धि
माता महागौरी बुद्धि और बल प्रदान करने वाली देवी मानी जाती हैं। उनके आशीर्वाद से व्यक्ति जीवन के कठिन निर्णय आसानी से ले पाता है और मानसिक, शारीरिक तथा आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करता है। इससे घर-परिवार और व्यवसायिक जीवन दोनों में सफलता और सकारात्मक बदलाव आते हैं।
इस प्रकार अष्टमी तिथि का पूजा और व्रत केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह जीवन में शक्ति, सुरक्षा, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम भी बन जाता है। भक्तों का विश्वास है कि इस दिन माता महागौरी की उपासना करने से जीवन के सभी क्षेत्र में अनंत लाभ और कल्याण प्राप्त होता है।
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लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।
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