Navratri Fast Diet Plan: नवरात्र के व्रत में सेहत का रखें ध्यान, फलाहार में शामिल कर सकते हैं यह चीजें
शारदीय नवरात्र का पर्व शुरू हो गया है जिसमें भक्त उपवास और पूजा-पाठ में लीन हैं। डॉक्टरों के अनुसार व्रत के दौरान खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। तला-भुना और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को लंबे समय तक उपवास से परहेज करना चाहिए और समय-समय पर फलाहार लेना चाहिए।

जागरण संवाददाता, पटना। शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri 2025) का पावन पर्व शुरू हो चुका है और भक्त उपवास व पूजा-पाठ में लीन हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में अधिकतर लोग व्रत रखते हैं और फलाहार का सेवन करते हैं। हालांकि, व्रत के दौरान यदि खानपान को लेकर सावधानी न बरती जाए, तो सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के मेडिसीन विभाग के वरीय प्राध्यापक प्रो. रवि कीर्ति ने बताया कि व्रत के दौरान अत्यधिक तली-भुनी या मसालेदार चीजें खाने से बचना चाहिए। इससे पेट की समस्याएं, एसिडिटी, कब्ज या थकान जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। बेहतर होगा कि हल्के और सुपाच्य भोजन को प्राथमिकता दी जाए।
एम्स के स्त्री एवं प्रसूति विभाग के वरीय सह प्राध्यापक प्रो. संगम झा ने बताया कि नवरात्र में गर्भवती माताओं को फास्टिंग से परहेज करना चाहिए। यथासंभव यदि फलाहार करते है तो इसमें आहार का खास ख्याल रखना चाहिए।
डॉक्टरों का कहना है कि बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लंबे समय तक उपवास से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को हल्के फलाहार या तरल पदार्थों के जरिए ऊर्जा मिलती रहनी चाहिए।
कहा कि विशेषज्ञ यह भी सुझाव देते हैं कि व्रत के दौरान शरीर को अधिक श्रम से बचाएं और पर्याप्त नींद व विश्राम लें। योग, ध्यान और प्राणायाम से मानसिक शांति और ऊर्जा मिलती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, नवरात्र के उपवास का उद्देश्य न केवल धार्मिक होता है, बल्कि यह शरीर को डिटॉक्स करने का भी एक अवसर है। ऐसे में सावधानी और संतुलन के साथ उपवास करना ही बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है।
अपने फलाहार में शामिल कर सकते हैं यह चीजें
- साबूदाना, समा के चावल, कउनी, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा
- उबले शकरकंद, दही, फल, सूखे मेवे
- नारियल पानी और नींबू पानी जैसे प्राकृतिक ड्रिंक्स
इन बातों का रखें ध्यान:
- व्रत में खाली पेट न रहें, समय-समय पर कुछ न कुछ लेते रहें।
- भरपूर मात्रा में पानी व अन्य पेय पदार्थ पिएं, ताकि डिहाइड्रेशन से बचा जा सके।
- यदि किसी को मधुमेह, रक्तचाप या कोई अन्य बीमारी है तो उपवास से पहले डाक्टर से जरूर मिल कर बात करें।
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