Good Deed or Bad Luck: बासी रोटी दान करके दुर्भाग्य को बुला रहे हैं आप, जानिए उसका क्या करें
मगर क्या घर में बासी रोटी बच गई है, तो उसे भी दान किया जा सकता है? क्या ऐसा करने से पुण्य मिलता है या पाप लगता है? क्या आप भी ऐसा करते हैं? क्या इसका कोई नकारात्मक प्रभाव होता है? इन सभी सवालों का जवाब आज हम आपको देने जा रहे हैं।

अन्न का दान महादान माना जाता है, लेकिन किसी को भी बासी रोटी नहीं देनी चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में कई चीजों का दान करने का महत्व बताया गया है। सबसे बड़ा दान अन्न और जल का दान बताया गया है। वजह यह है कि इसके बिना जीवन का चल पाना संभव नहीं है। इसी वजह से इन दोनों दान को महादान की श्रेणी में रखा जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी को भी बासी रोटी का दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आप अपने जीवन की सकारात्मक ऊर्जा को खत्म करते हैं। इसकी वजह से आपके जीवन में आर्थिक तंगी, पैसों की आवक रुक जाना, बरक्कत कम होने जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा आपको कोई बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
बासी खाना देना अपमान करना होता है
किसी का पेट भरना बड़ा शुभ काम होता है। इससे बड़ा पुण्य का काम कोई दूसरा नहीं होता। मगर, अपना बचा हुआ बासी खाना किसी को देना उसका अपमान करना होता है। इससे आप उसकी गरीबी का मजाक बनाते हैं। अनजाने में ही सही आप ऐसा करके पुण्य की जगह पाप कमा रहे हैं।
तो बासी रोटी का क्या करें
ऐसे में सवाल उठता है कि बासी रोटी का क्या किया जाए? क्या इसे फेंक देना चाहिए? बिल्कुल नहीं। ऐसा करके भी आप अन्न का अपमान करते हैं, जो आपके जीवन में सुख-समृद्धि को खत्म कर सकता है।
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लिहाजा, बेहतर यही होगा कि आप बासी रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और उसमें चीनी मिलाकर चीटियों को डाल दें। उनका पेट भरके आप बासी रोटी से भी पुण्य कमा सकते हैं।
आप चाहे तो बासी रोटी सुबह गाय को भी खिला सकते हैं। गौसेवा से कई तरह के पुण्य मिलते हैं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
बासी रोटी पर तेल लगाकर कुत्ते को खिला सकते हैं। इससे शनि दोष संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं। इसके अलावा आप पक्षियों को भी बासी रोटी के टुकड़े डाल सकते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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