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    आपके घर के बाहर भी रात को रोते हैं कुत्ते-बिल्ली? जानिए इसके पीछे का संकेत

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 11:32 AM (IST)

    रात में कुत्ते-बिल्लियों का रोना धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार काफी असरदार माना गया है। माना जाता है कि जानवरों की इंद्रियां इंसानों से तेज ...और पढ़ें

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    रात को कुत्ते-बिल्ली के रोने के संकेत (AI-generated image)

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    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर रात के सन्नाटे में जब किसी कुत्ते या बिल्ली के रोने की आवाज सुनाई देती है, तो हमारे मन में एक अजीब सी घबराहट पैदा हो जाती है। बड़े-बुजुर्ग तुरंत टोक देते हैं कि कुछ बुरा होने वाला है। लेकिन, इसके पीछे का असली सच क्या है? क्या यह केवल अंधविश्वास है या इसके पीछे कोई ठोस कारण भी है?

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    धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं

    हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में कुत्ते और बिल्ली के रोने को लेकर कई गहरी मान्यताएं हैं:

    नकारात्मक शक्तियों का संकेत: ऐसी मान्यता है कि कुत्तों और बिल्लियों की इंद्रियां इंसानों से कहीं ज्यादा तेज होती हैं। वे उन चीजों या आत्माओं को देख सकते हैं, जिन्हें सामान्य इंसान नहीं देख पाते। इसलिए, रात में उनका रोना आसपास किसी बुरी शक्ति या नकारात्मक ऊर्जा की मौजूदगी का संकेत माना जाता है।

    अशुभ की आशंका: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुत्ता घर के मुख्य दरवाजे के सामने रोता है, तो इसे परिवार के किसी सदस्य पर आने वाले संकट या बीमारी का संकेत माना जाता है। इसी तरह बिल्ली का रोना या आपस में लड़ना घर में आर्थिक नुकसान या क्लेश का सूचक माना जाता है।

    पितरों का संदेश: कुछ लोग यह भी मानते हैं कि कुत्ते यमराज के दूत होते हैं। उनका रोना किसी अप्रिय समाचार या मृत्यु की सूचना देने का एक तरीका हो सकता है।

    astrology vs science

    (AI generated image)

    वैज्ञानिक नजरिया क्या कहता है?

    विज्ञान इन बातों को अंधविश्वास मानता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जानवरों के रोने के पीछे व्यावहारिक कारण होते हैं:

    अकेलापन: कुत्ते सामाजिक प्राणी होते हैं। जब वे अपने झुंड से बिछड़ जाते हैं या अकेला महसूस करते हैं, तो वे रोकर अपने साथियों को संदेश देते हैं।

    इलाके का निर्धारण: रात के समय कुत्ते जोर से रोकर दूसरे कुत्तों को यह बताते हैं कि यह उनका इलाका है।

    शारीरिक तकलीफ: कई बार जानवर बीमार होते हैं या उन्हें चोट लगी होती है। रात की खामोशी में उनकी दर्द भरी आवाजें हमें रोने जैसी सुनाई देती हैं।

    भूख और ठंड: कड़ाके की ठंड या पेट खाली होने पर भी जानवर इस तरह की आवाजें निकालते हैं।

    जहां ज्योतिष इसे आने वाले खतरे से जोड़कर हमें सावधान रहने को कहता है। वहीं, विज्ञान इसे उनकी प्राकृतिक क्रिया बताता है। अगर आपके घर के बाहर कोई जानवर रो रहा है, तो डरने के बजाय उसे भगाने या खाने के लिए कुछ देने की कोशिश करें, ताकि उसकी तकलीफ दूर हो सके।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।