मंदिर से लौटते समय न करें ये गलतियां, वरना नहीं मिलेगा पूरा फल
कई बार हम मंदिर से आते समय कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो हमारे लिए मुसीबत का सबब बन सकती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मंदिर से लौटते समय व्यक्ति को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि उसे शुभ परिणाम मिल सकें।

Hindu temple (Picture Credit: Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में रोजाना मंदिर जाकर पूजा-पाठ करना और भगवान का ध्यान करना काफी शुभ माना जाता है। कई साधक इस दिनचर्या का हिस्सा भी बनाते हैं। लेकिन कई बार मंदिर से लौटते समय हम कई गलतियां भी कर देते हैं, जिनके कारण हमें मंदिर जाने का पूर्ण फल नहीं मिल पाता।
न करें ये गलतियां
मंदिर में प्रवेश करते समय हम घंटी बजाकर ही अंदर प्रवेश करते हैं। लेकिन मंदिर से लौटते समय कभी भी घंटी नहीं बजानी चाहिए। जिसका कारण यह माना जाता है कि जब हम घंटी बजाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो सारी नकारात्मकता वहीं समाप्त हो जाती है। लेकिन अगर आप जाते समय भी घंटी बजाएंगे, तो सकारात्मक ऊर्जा वहीं समाप्त हो जाएगी।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
कई लोग प्रसाद आदि चढ़ाकर मंदिर से खाली हाथ लौट आते हैं। लेकिन ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता। ऐसे में थोड़ा-सा प्रसाद या फूल आदि अपने साथ जरूर लाएं। वहीं अगर आप शिवलिंग पर जल चढ़ाकर आते हैं, तो उसका थोड़ा-सा जल भी अपने साथ जरूर लाएं। इसके साथ ही मंदिर से आकर तुरंत हाथ-पैर भी नहीं धोने चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से मंदिर से मिली सकारात्मक ऊर्जा तुरंत नष्ट होने का डर रहता है।
बढ़ सकता है दुर्भाग्य
मंदिर से अकसर लोग अपने चप्पल-जूते न मिलने पर दूसरों के चप्पल-जूते पहनकर चले आते हैं। लेकिन ऐसा करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से आपके साथ दूसरे व्यक्ति का दुर्भाग्य भी आ सकता है।
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किसी से न लें ये चीज
कई बार मंदिर से आते वक्त हम दूसरों का दिया हुआ प्रसाद आदि ले आते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि मंदिर में किसी अनजान व्यक्ति द्वारा दिए गए फूल या फूल आदि नहीं लेने चाहिए। हो सकता है कि सामने वाले व्यक्ति के गलत भावना के चलते आपको यह चीजें दी हों, ऐसे में आपको इसके नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। इसी तरह किसी अनजान व्यक्ति से प्रसाद लेने से भी बचना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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