Diwali 2025: भगवान राम के ये गुण बनाएंगे आपको महान, जीवन में जरूर उतारें
हर साल कार्तिक माह की अमावस्या पर दीपावली का त्योहार (Diwali 2025) बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन को भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पूरा करके अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। ऐसे में आप इस विशेष अवसर पर भगवान राम के चरित्र की ये खास बातें अपने जीवन में भी उतार सकते हैं।
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भगवान राम के जीवन से सीखें ये गुण।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। रामचरितमानस भगवान विष्णु के 7वां अवतार अर्थात प्रभु श्रीराम के चरित्र पर आधारित है। भगवान श्रीराम मानव मात्र के प्रेरणा स्रोत हैं, जिनके जीवन में हमें कई सीख मिलती है। ऐसे में अगर आप भी भगवान राम के जीवन से ये शिक्षाएं अपने जीवन में उतारते हैं, तो इससे आपको बेहतर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में चलिए प्रभु श्रीराम के कौन-से गुण आपको जीवन को बेहतर बनाने में सहायता कर सकते हैं।
मिलती है ये सीख
भगवान राम ने अपना पूरा जीवन अपनी मर्यादा में रहकर काम किया, इसलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। ऐसे में अगर आप भगवान राम के इस गुण को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो इससे समाज में आपको मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। राम जी के इस गुण से हमें सीख मिलती है कि चाहे हम अपने जीवन में किसी भी मुकाम पर हों, लेकिन हमें हमेशा अपनी सीमाओं में रहकर ही कार्य करना चाहिए, तभी आप महान कहला सकते हैं।
(Picture Credit: Freepik)
जरूर अपनाएं ये गुण
भगवान राम के चरित्र से आप प्रेम, त्याग और धैर्य की भी सीख ले सकते हैं। प्रभु श्रीराम के जीवन में भाइयों के प्रति प्रेम के साथ-साथ पुत्र धर्म का निर्वाह और वचन के लिए राजपाट का त्याग ये सभी देखने को मिलता है। इसके साथ ही जीवन में इतनी कठिनाई के बाद भी राम जी ने अपना धैर्य नहीं खोया। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति में यह गुण हैं, तो निश्चित रूप से उनकी गिनती महान व्यक्तियों में की जाती है।
जरूर मिलेगी सफलता
भगवान राम के गुणों में कर्तव्यनिष्ठा भी शामिल है। उन्होंने अपने पिता द्वारा माता कैकेयी को दिए गए वचन का मान रखने के लिए राजगद्दी का त्याग कर दिया और वनवास को स्वीकार किया। ऐसे में अगर हर व्यक्ति अपने कार्य का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करता है, तो उसे जीवन के हर काम में सफलता मिल सकती है।
नहीं करना पड़ेगा हार का सामना
भगवान राम के जीवन से यह सिख ली जा सकती है कि वह अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटके। जब तक उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लिया, उन्होंने तब तक हार नहीं मानी। इसके साथ ही वह एक अच्छे शिष्य भी थे, जिन्होंने अपने गुरु की हर आज्ञा का पालन किया। ऐसे में अगर आज के समय में किसी व्यक्ति में यह गुण है, तो उसे जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
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