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    Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी पर करें इन मंत्रों का जप, दूर होगी घर की दरिद्रता

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 02:30 PM (IST)

    देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025) का व्रत हर साल साधक बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं जिसे चातुर्मास कहते हैं। इस साल देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को पड़ रही है। यह दिन शिव और विष्णु जी की पूजा के लिए समर्पित है। माना जाता है कि इस दौरान शिव जी पूरे जगत का संचालन करते हैं।

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    Devshayani Ekadashi 2025: भगवान शिव के 108 नाम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल देवशयनी एकादशी का व्रत साधक बेहद भक्ति भाव के साथ मनाते हैं। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। इस साल देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025) का व्रत 06 जुलाई को रखा जाएगा। यह दिन भगवान शिव और श्री हरि की पूजा के लिए समर्पित है। कहते हैं कि इस दौरान यानी पूरे 4 महीने के लिए शिव जी संपूर्ण जगत का संचालन करते हैं। ऐसे में इस अवधि में भगवान शिव का ध्यान करें। उन्हें जल चढ़ाएं और चंदन से राम लिखकर बिल्व पत्र अर्पित करें।

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    इसके बाद भगवान शिव के 108 नामों का जप करें। अंत में आरती करें। ऐसा करने से घर की दरिद्रता का नाश होता है और धन की मुश्किलें दूर होती हैं।

    ।।भगवान शिव के 108 नाम।।

    • ॐ महाकाल नमः
    • ॐ रुद्रनाथ नमः
    • ॐ भीमशंकर नमः
    • ॐ नटराज नमः
    • ॐ प्रलेयन्कार नमः
    • ॐ चंद्रमोली नमः
    • ॐ डमरूधारी नमः
    • ॐ चंद्रधारी नमः
    • ॐ भोलेनाथ नमः
    • ॐ कैलाश पति नमः
    • ॐ भूतनाथ नमः
    • ॐ नंदराज नमः
    • ॐ नन्दी की सवारी नमः
    • ॐ ज्योतिलिंग नमः
    • ॐ मलिकार्जुन नमः
    • ॐ भीमेश्वर नमः
    • ॐ विषधारी नमः
    • ॐ बम भोले नमः
    • ॐ विश्वनाथ नमः
    • ॐ अनादिदेव नमः
    • ॐ उमापति नमः
    • ॐ गोरापति नमः
    • ॐ गणपिता नमः
    • ॐ ओंकार स्वामी नमः
    • ॐ ओंकारेश्वर नमः
    • ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
    • ॐ भोले बाबा नमः
    • ॐ शिवजी नमः
    • ॐ शम्भु नमः
    • ॐ नीलकंठ नमः
    • ॐ महाकालेश्वर नमः
    • ॐ त्रिपुरारी नमः
    • ॐ त्रिलोकनाथ नमः
    • ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
    • ॐ बर्फानी बाबा नमः
    • ॐ लंकेश्वर नमः
    • ॐ अमरनाथ नमः
    • ॐ केदारनाथ नमः
    • ॐ मंगलेश्वर नमः
    • ॐ अर्धनारीश्वर नमः
    • ॐ नागार्जुन नमः
    • ॐ जटाधारी नमः
    • ॐ नीलेश्वर नमः
    • ॐ जगतपिता नमः
    • ॐ मृत्युन्जन नमः
    • ॐ नागधारी नमः
    • ॐ रामेश्वर नमः
    • ॐ गलसर्पमाला नमः
    • ॐ दीनानाथ नमः
    • ॐ सोमनाथ नमः
    • ॐ जोगी नमः
    • ॐ भंडारी बाबा नमः
    • ॐ बमलेहरी नमः
    • ॐ गोरीशंकर नमः
    • ॐ शिवाकांत नमः
    • ॐ महेश्वराए नमः
    • ॐ महेश नमः
    • ॐ संकटहारी नमः
    • ॐ महेश्वर नमः
    • ॐ रुंडमालाधारी नमः
    • ॐ जगपालनकर्ता नमः
    • ॐ पशुपति नमः
    • ॐ संगमेश्वर नमः
    • ॐ दक्षेश्वर नमः
    • ॐ घ्रेनश्वर नमः
    • ॐ मणिमहेश नमः
    • ॐ अनादी नमः
    • ॐ अमर नमः
    • ॐ आशुतोष महाराज नमः
    • ॐ विलवकेश्वर नमः
    • ॐ अचलेश्वर नमः
    • ॐ ओलोकानाथ नमः
    • ॐ आदिनाथ नमः
    • ॐ देवदेवेश्वर नमः
    • ॐ प्राणनाथ नमः
    • ॐ शिवम् नमः
    • ॐ महादानी नमः
    • ॐ शिवदानी नमः
    • ॐ अभयंकर नमः
    • ॐ पातालेश्वर नमः
    • ॐ धूधेश्वर नमः
    • ॐ सर्पधारी नमः
    • ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
    • ॐ हठ योगी नमः
    • ॐ विश्लेश्वर नमः
    • ॐ नागाधिराज नमः
    • ॐ सर्वेश्वर नमः
    • ॐ उमाकांत नमः
    • ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
    • ॐ त्रिकालदर्शी नमः
    • ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
    • ॐ महादेव नमः
    • ॐ गढ़शंकर नमः
    • ॐ मुक्तेश्वर नमः
    • ॐ नटेषर नमः
    • ॐ गिरजापति नमः
    • ॐ भद्रेश्वर नमः
    • ॐ त्रिपुनाशक नमः
    • ॐ निर्जेश्वर नमः
    • ॐ किरातेश्वर नमः
    • ॐ जागेश्वर नमः
    • ॐ अबधूतपति नमः
    • ॐ भीलपति नमः
    • ॐ जितनाथ नमः
    • ॐ वृषेश्वर नमः
    • ॐ भूतेश्वर नमः
    • ॐ बैजूनाथ नमः
    • ॐ नागेश्वर नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।