हथेली पर मौजूद शनि पर्वत बताता है कितनी करनी पड़ेगी मेहनत, कितना कमाएंगे पैसा
Mount of Saturn in Palmistry हाथ में शनि पर्वत बेहद महत्वपूर्ण है। यह मिडिल फिंगर के ठीक नीचे स्थित होता है। यह स्थान व्यक्ति के कर्म भाग्य और सफलता-असफलता के बारे में बताता है। यदि शनि पर्वत स्पष्ट है और उभरा हुआ है तो व्यक्ति अपने कर्म में सफल होकर खूब धन कमाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mount of Saturn in Palmistry: शनि ग्रह की बात शुरू होते ही बहुत से लोग दहशत में आ जाते हैं। मगर, ये नहीं भूलना चाहिए कि कर्म प्रधान शनि न्याय के देवता भी हैं। जो लोग मेहनती होते हैं और न्यायोचित तरीके से अपने सारे काम करते हैं, उनको शनिदेव इतनी संपत्ति देते हैं कि वो संभाल भी नहीं पाते हैं।
शनि को लोहा, स्टील, तेल का कारक माना जाता है। इन क्षेत्रों से जुड़े लोग अमीर होते हैं। यदि आपके पास कुंडली नहीं है, तो भी आप अपनी हथेली से पता कर सकते हैं कि आपके लिए शनिदेव कैसे फल देने वाले साबित होंगे।
हाथ में शनि पर्वत बेहद महत्वपूर्ण है। यह मिडिल फिंगर के ठीक नीचे स्थित होता है। यह स्थान व्यक्ति के कर्म, भाग्य और सफलता-असफलता के बारे में बताता है। जिस व्यक्ति की हथेली पर शनि पर्वत जितना उभरा हुआ और स्पष्ट होता है, वो अपनी जिंदगी में उतना ज्यादा धन कमाते हैं।
शनि पर्वत यदि पूरी तरह विकसित हो, तो ऐसा व्यक्ति ज्ञानी, गंभीर एवं विचारशील होता है। वह कोई भी काम सोच-विचार कर ही शुरू करता है। इसके अलावा असका अपनी इंद्रियों पर भी नियंत्रण होता है।
कैसा होता है यहां रेखाओं के पहुंचने का असर
इस पर्वत पर पहुंचने वाली रेखाएं भी व्यक्ति की जिंदगी में बड़े पैमाने पर असर डालती हैं। शनि पर्वत पर केंद्र में मछली का निशान बने, तो जीवन में धन मिलता है।
यदि यह चिह्न शनि और गुरु पर्वत के बीच में बने तो धन तो मिलता ही है साथ ही यश और सम्मान भी भरपूर मिलता है।
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यदि शनि पर्वत पर एक या दो खड़ी रेखाएं पहुंच रही हो, तो ऐसा व्यक्ति कभी भूखा नहीं रहता। उसके खाने-पीने की व्यवस्था हमेशा होती रहती है।
यदि लाइफ लाइन यानी जीवन रेखा से कोई रेखा निकलकर शनि पर्वत पर पहुंचे, तो ऐसे लोगों को परिवारिक संपत्ति नहीं मिलती है। उन्हें जीवन में कड़े संघर्ष करने पड़ते हैं और उन्हीं संघर्षों से वो संपत्ति बनाते हैं।
यदि चंद्र पर्वत से निकली कोई रेखा शनि पर्वत पर पहुंच जाए, तो ऐसा व्यक्ति को घर से दूर जाना पड़ता है। घर छोड़ने के बाद ही उसका सही मायने में भाग्योदय होता है।
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