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    December Pradosh Vrat 2024 Date: दिसंबर में कब-कब है प्रदोष व्रत? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 05 Dec 2024 02:16 PM (IST)

    शिव पुराण में निहित है कि भगवान शिव (December Pradosh Vrat 2024 Date) की साधना करने वाले साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं मृत्यु उपरांत उच्च लोक की प्राप्ति होती है। भगवान शिव के साधकों को शैव कहा जाता है। सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विशेष पूजा की जाती है।

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    December Pradosh Vrat 2024 Date: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही भगवान शिव संग मां पार्वती के निमित्त प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से जाने-अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं, जो दुख के कारण होते हैं। वहीं, साधक पर महादेव की भी कृपा बरसती है। उनकी कृपा से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अतः साधक भक्ति भाव से आराध्य भगवान शिव की पूजा करते हैं। आइए, दिसंबर महीने में पड़ने वाले प्रदोष व्रत (December Pradosh Vrat 2024 Date) की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

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    दिसंबर माह का पहला प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 13 दिसंबर को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 13 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जायेगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक है।

    दिसंबर माह का दूसरा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 16 दिसंबर से पौष महीने की शुरुआत हो रही है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को है। वैदिक पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 28 दिसंबर को देर रात 02 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी।

    वहीं, 29 दिसंबर को देर रात 03 बजकर 32 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 28 दिसंबर को दूसरा प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 33 मिनट से लेकर 08 बजकर 17 मिनट तक है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।