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    December Pradosh Vrat 2024: कब है दिसंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 02 Dec 2024 08:09 PM (IST)

    शिव पुराण में वर्णित है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) के दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं शांति आती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत पर विशेष उपाय भी किए जाते हैं।

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    December Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए भगवान शिव संग मां पार्वती के निमित्त प्रदोष व्रत (December Pradosh Vrat 2024) रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अतः साधक भक्ति भाव से शिव-शक्ति की पूजा-उपासना करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं-

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 12 दिसंबर को देर रात 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 13 दिसंबर को शाम 07 बजकर 40 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। इस प्रकार 13 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जायेगा। इस दिन प्रदोष काल संध्याकाल 05 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 40 मिनट तक है। शुक्रवार के दिन पड़ने के चलते यह शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। साधक अपनी सुविधा के अनुसार समय पर शिव शक्ति की पूजा उपासना कर सकते हैं।

    शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के अंतिम प्रदोष व्रत पर दुर्लभ शिव और सिद्ध योग का संयोग बन रहा हैं। इस दिन शिव योग 11 बजकर 54 मिनट तक है। इसके बाद सिद्ध योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कौलव, तैतिल और गर करण के भी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा उपासना करने से साधक को सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी। साथ ही शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर

    चंद्रास्त- सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 16 मिनट से 06 बजकर 11 मिनट तक...

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।