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    Chhath Puja 2023: छठ पूजा पर दुर्लभ 'वृद्धि' योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 14 Nov 2023 02:02 PM (IST)

    कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को प्रातः काल में उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो छठ पूजा पर दुर्लभ वृद्धि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में व्रत करने से कई गुना लाभ प्राप्त होता है।

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    Chhath Puja 2023: छठ पूजा पर दुर्लभ 'वृद्धि' योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja 2023: हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक छठ पूजा मनाई जाती है। इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। इसके अगले दिन खरना मनाया जाता है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को डूबते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। जबकि, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को प्रातः काल में उगते सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो छठ पूजा पर दुर्लभ 'वृद्धि' योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में व्रत करने से कई गुना लाभ प्राप्त होता है। आइए, छठ पूजा पर बनने वाले शुभ योग के बारे में जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 19 नवंबर को प्रातः काल 07 बजकर 23 मिनट तक है। इसके पश्चात, सप्तमी तिथि है। इसके लिए 19 नवंबर को भानु सप्तमी भी है।

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    शुभ योग

    ज्योतिषियों की मानें तो छठ पूजा के दिन वृद्धि और ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। वृद्धि योग का निर्माण देर रात 11 बजकर 28 मिनट तक है। इसके बाद ध्रुव योग का शुभ योग बन रहा है। व्रती वृद्धि योग में सूर्य देव को जल का अर्घ्य देंगी। इस योग में सूर्य देव की उपासना करने से सुख और समृद्धि में अपार वृद्धि होगी।

    करण

    छठ पूजा के दिन तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। सर्वप्रथम तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 07 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष दोनों योग को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।

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    भद्रावास योग

    छठ पूजा पर भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। शास्त्रों में निहित है कि जब भद्रा पाताल में रहती हैं, तो समस्त जगत का कल्याण होता है। विशेष तिथि पर भद्रावास का निर्माण होना शुभ माना जाता है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।