Char Dham Yatra 2024: जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्त कराती है चार धाम यात्रा, जानिए कब से हो रहा है शुभारंभ
उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। ऐसा माना गया है कि देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चार धाम की यात्रा करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों में चार धाम यानी केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने का विशेष महत्व बताया गया है। तो चलिए जानते हैं कि इस साल कब से चार धाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Char Dham Yatra starting Date: हिन्दू धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत ही अधिक महत्व माना गया है। अधिकतर लोगों को यह सपना होता है कि वह जीवन में एक बार चार धाम यात्रा जरूर करें। हिंदू धर्म में दो तरह की चार धाम यात्रा का वर्णन किया गया है। जिनमें से एक है बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा और दूसरी बद्रीनाथ, जगन्नाथ, रामेश्वर और द्वारका धाम की यात्रा। ऐसे में आज हम आपको बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा का महत्व बताने जा रहे हैं।
चार धाम यात्रा का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, चार धाम की यात्रा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही वह व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से भी मुक्त हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को दोबारा मृत्यु लोक में जन्म नहीं लेना पड़ता और वह मोक्ष को प्राप्त करता है।
केदारनाथ (Kedarnath)
आरंभ तिथि - 10 मई 2024, सुबह 07 बजे से
केदारनाथ मंदिर भारत की उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण पांडवों द्वारा करवाया गया था। केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है और मान्यता है कि यहां भगवान शिव विश्राम करते हैं। यहां दो पर्वत है, जिन्हें नर और नारायण के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि केदारनाथ धाम के दर्शन के बाद ही बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने चाहिए। तभी व्यक्ति को यात्रा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
यमुनोत्री (Yamunotri)
आरंभ तिथि - 10 मई 2024 सुबह 8:30 बजे से
यमुनोत्री, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पश्चिमी गढ़वाल हिमालय में स्थित है। यह उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का पहला पड़ाव है। यमुना नदी भी पवित्र नदियों में से एक हैं। हिंदू धर्म में यमुना को भगवान सूर्य की पुत्री और यम देवता की बहन के रूप में जाना जाता है। इस पवित्र स्थल की यात्रा के बिना चार धाम यात्रा अधूरी मानी जाती है।
गंगोत्री (Gangotri)
आरंभ का समय - 10 मई 2024 सुबह 9:30 बजे से
गंगोत्री, गंगा नदी का उद्गम स्थल है। उत्तराखंड के गढ़वाल में गंगोत्री हिमनद से गंगा नदी निकलती है। गंगा को भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना गया है, क्योंकि पौराणिक मान्यता के अनुसार, गंगा जी का पृथ्वी पर आगमन समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए हुआ था। ऐसे में गंगोत्री भी चार धाम यात्रा का एक जरूरी पड़ाव है। इस धाम को लेकर यह मान्यता प्रचलित है कि जो भी व्यक्ति अपनी चार धाम यात्रा में यहां के दर्शन करता है, उसके समस्त नष्ट हो जाते हैं।
बद्रीनाथ (Badrinath)
आरंभ की तिथि - 12 मई 2024 सुबह 07 बजे से
उत्तराखंड राज्य में स्थित बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है। इसे बद्रीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि यहां भगवान विष्णु 6 महीने विश्राम करते हैं। इस मंदिर की स्थापना ऋषि आदि शंकराचार्य ने की थी। कई मान्यताओं के अनुसार, बद्रीनाथ को आठवां बैकुंठ भी कहा गया है।
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