Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandra Mantra: सोमवार को पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, मानसिक तनाव से मिलेगी निजात

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 31 Mar 2024 10:03 PM (IST)

    कुंडली में चंद्रमा मजबूत रहने से व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है। साथ ही माता जी की सेहत अच्छी रहती है। वहीं कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर जातक हमेशा उदास रहता है। समय के साथ व्यक्ति को मानसिक तनाव की भी समस्या होती है। अतः ज्योतिष कुंडली में चंद्रमा ग्रह मजबूत करने की सलाह देते हैं। सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव संग चंद्र देव की पूजा करें।

    Hero Image
    Chandra Mantra: सोमवार को पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, मानसिक तनाव से मिलेगी निजात

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chandra Mantra: ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक बताया गया है। कुंडली में चंद्रमा मजबूत रहने से व्यक्ति हमेशा प्रसन्नचित्त रहता है। साथ ही माता जी की सेहत अच्छी रहती है। वहीं, कुंडली में चंद्रमा कमजोर होने पर जातक हमेशा उदास रहता है। समय के साथ व्यक्ति को मानसिक तनाव की भी समस्या होती है। अतः ज्योतिष कुंडली में चंद्रमा ग्रह मजबूत करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी मानसिक तनाव से निजात पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शिव संग चंद्र देव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: शनि प्रदोष व्रत पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    चन्द्र देव कवच

    समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।

    वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥

    एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।

    शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥

    चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।

    प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥

    पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।

    करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥

    हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।

    मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥

    ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा ।

    अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥

    सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।

    एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥

    यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥

    शिव प्रार्थना मंत्र

    करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

    विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो ॥

    एकाक्षरी बीज मंत्र

    ऊँ सों सोमाय नम:।।

    पौराणिक मंत्र

    ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम ।

    नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम ।।

    चन्द्र गायत्री मंत्र

    ऊँ अमृतंग अन्गाये विधमहे कलारुपाय धीमहि तन्नो सोम प्रचोदयात।।

    वैदिक मंत्र

    ॐ इमं देवा असपत्नं ग्वं सुवध्यं। महते क्षत्राय महते ज्यैश्ठाय महते जानराज्यायेन्दस्येन्द्रियाय

    इमममुध्य पुत्रममुध्यै पुत्रमस्यै विश वोsमी राज: सोमोsस्माकं ब्राह्माणाना ग्वं राजा।

    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

    उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    रूद्र गायत्री मंत्र

    ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

    यह भी पढ़ें: मंगल ग्रह मजबूत करने के लिए मंगलवार को जरूर करें ये 4 उपाय, सभी संकटों से मिलेगी निजात

    डिस्क्लेमर- ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।