Vivah Mantra: रोजाना पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, जल्द पूरा होगा शादी का सपना
ज्योतिषियों की मानें तो शुक्र देव प्रेम और विवाह के कारक माने जाते हैं। शुक्र देव की कृपा बरसने से अविवाहित जातकों की जल्द शादी हो जाती है। इसके लिए कुंडली में शुक्र मजबूत रहना जरूरी है। देवों के देव महादेव की पूजा करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है। जल्द शादी के लिए रोजाना भगवान शिव (Vivah Mantra) की पूजा करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान का कारक माना जाता है। कुंडली में गुरु मजबूत होने से जातक को करियर में मनमुताबिक सफलता मिलती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों की शादी जल्द हो जाती है। इसके साथ ही नवविवाहित दंपति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। ज्योतिष जल्द शादी के लिए देवगुरु बृहस्पति की पूजा करने और गुरुवार का व्रत रखने की सलाह देते हैं।
लड़कियां जल्द शादी और मनचाहा वरदान पाने के लिए गुरुवार का व्रत रख भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा करती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आपकी शादी में भी देर हो रही है, तो रोजाना पूजा के समय इन मंत्रों का जप करें। इन मंत्रों का जप से शादी का सपना जल्द पूरा हो जाता है।
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लड़के इन मंत्रों का जप करें
1. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
2. पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।
3. ऊँ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।
4. ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।
5. ॐ कामदेवाय विद्महेपुष्पबाणाय धिमहितन्नो मन्मथ प्रचोदयात्|
6. ऊँ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।
7. ॐ नमः काम-देवाय। सहकल सहद्रश सहमसहलिए
वन्हे धुनन जनममदर्शनं उत्कण्ठितं कुरु कुरु
दक्ष दक्षु-धर कुसुम-वाणेन हन हन स्वाहा।
8. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
9. ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा
10. ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
लड़कियां इन मंत्रों का जप करें
1. ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:
2. ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा”
3. क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा”
4. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि ।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥
6. हे गौरि शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया।
मां कुरु कल्याणि कान्तकातां सुदुर्लभाम्॥
7. ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्द गोपसुतं देवि पति में कुरुते नम:।।
8. ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रं च देहि मे ।।
9. ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
10. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
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