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    Pitru Paksha 2024: श्राद्ध पक्ष के दौरान करें भगवान शिव के नामों का मंत्र जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 19 Sep 2024 08:42 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि पितरों का तर्पण (Pitru Paksha 2024) करने से व्यक्ति को पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी बिगड़े कार्य भी संवर जाते हैं। इस शुभ अवसर पर पितरों को तर्पण किया जाता है और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दिया जाता है।

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    Pitru Paksha 2024: पितरों को कैसे प्रसन्न करें ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनतान धर्म में पितृ पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जाता है। यह पर्व आश्विन माह के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। इस दौरान पितृ धरती पर वास करते हैं। गरुड़ पुराण में वर्णित है कि पितरों को तर्पण करने से व्यक्ति को पितृ ऋण और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। धर्म जानकारों की मानें तो अकाल मृत्यु के बाद पितृ प्रेतयोनि को प्राप्त करते हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों को तर्पण करने से तीन पीढ़ी के पूर्वजों एवं अकाल मृत्यु से मरने वाले पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, व्यक्ति विशेष पर पितरों की कृपा बरसती है। ज्योतिष श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) के दौरान भगवान शिव की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से पितरों को उच्च गति प्राप्त होती है। इसके अलावा, साधक को पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। अगर आप भी भगवान शिव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष के दौरान भगवान शिव की पूजा करें। इसके साथ ही पूजा के समय महादेव के नामों का मंत्र जप करें।

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    भगवान शिव के 108 नाम

    1. ॐ महाकाल नमः

    2. ॐ भीमेश्वर नमः

    3. ॐ विषधारी नमः

    4. ॐ बम भोले नमः

    5. ॐ विश्वनाथ नमः

    6. ॐ अनादिदेव नमः

    7. ॐ उमापति नमः

    8. ॐ गोरापति नमः

    9. ॐ गणपिता नमः

    10. ॐ ओंकार स्वामी नमः

    11. ॐ ओंकारेश्वर नमः

    12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः

    13. ॐ भोले बाबा नमः

    14. ॐ शिवजी नमः

    15. ॐ रुद्रनाथ नमः

    16. ॐ भीमशंकर नमः

    17. ॐ नटराज नमः

    18. ॐ प्रलेयन्कार नमः

    19. ॐ चंद्रमोली नमः

    20. ॐ डमरूधारी नमः

    21. ॐ चंद्रधारी नमः

    22. ॐ दक्षेश्वर नमः

    23. ॐ घ्रेनश्वर नमः

    24. ॐ मणिमहेश नमः

    25. ॐ अनादी नमः

    26. ॐ अमर नमः

    27. ॐ आशुतोष महाराज नमः

    28. ॐ विलवकेश्वर नमः

    29. ॐ भोलेनाथ नमः

    30. ॐ कैलाश पति नमः

    31. ॐ भूतनाथ नमः

    32. ॐ नंदराज नमः

    33. ॐ नन्दी की सवारी नमः

    34. ॐ ज्योतिलिंग नमः

    35. ॐ मलिकार्जुन नमः

    36. ॐ शम्भु नमः

    37. ॐ नीलकंठ नमः

    38. ॐ महाकालेश्वर नमः

    39. ॐ त्रिपुरारी नमः

    40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः

    41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः

    42. ॐ बर्फानी बाबा नमः

    43. ॐ लंकेश्वर नमः

    44. ॐ अमरनाथ नमः

    45. ॐ केदारनाथ नमः

    46. ॐ मंगलेश्वर नमः

    47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः

    48. ॐ नागार्जुन नमः

    49. ॐ जटाधारी नमः

    50. ॐ नीलेश्वर नमः

    51. ॐ जगतपिता नमः

    52. ॐ मृत्युन्जन नमः

    53. ॐ नागधारी नमः

    54. ॐ रामेश्वर नमः

    55. ॐ गलसर्पमाला नमः

    56. ॐ दीनानाथ नमः

    57. ॐ सोमनाथ नमः

    58. ॐ जोगी नमः

    59. ॐ भंडारी बाबा नमः

    60. ॐ बमलेहरी नमः

    61. ॐ गोरीशंकर नमः

    62. ॐ शिवाकांत नमः

    63. ॐ महेश्वराए नमः

    64. ॐ महेश नमः

    65. ॐ संकटहारी नमः

    66. ॐ महेश्वर नमः

    67. ॐ रुंडमालाधारी नमः

    68. ॐ जगपालनकर्ता नमः

    69. ॐ पशुपति नमः

    70. ॐ संगमेश्वर नमः

    71. ॐ अचलेश्वर नमः

    72. ॐ ओलोकानाथ नमः

    73. ॐ आदिनाथ न

    74. ॐ देवदेवेश्वर नमः

    75. ॐ प्राणनाथ नमः

    76. ॐ शिवम् नमः

    77. ॐ महादानी नमः

    78. ॐ शिवदानी नमः

    79. ॐ अभयंकर नमः

    80. ॐ पातालेश्वर नमः

    81. ॐ धूधेश्वर नमः

    82. ॐ सर्पधारी नमः

    83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः

    84. ॐ हठ योगी नमः

    85. ॐ विश्लेश्वर नमः

    86. ॐ नागाधिराज नमः

    87. ॐ सर्वेश्वर नमः

    88. ॐ उमाकांत नमः

    89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः

    90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः

    91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः

    92. ॐ महादेव नमः

    93. ॐ गढ़शंकर नमः

    94. ॐ मुक्तेश्वर नमः

    95. ॐ नटेषर नमः

    96. ॐ गिरजापति नमः

    97. ॐ भद्रेश्वर नमः

    98. ॐ त्रिपुनाशक नमः

    99. ॐ निर्जेश्वर नमः

    100. ॐ किरातेश्वर नमः

    101. ॐ जागेश्वर नमः

    102. ॐ अबधूतपति नमः

    103. ॐ भीलपति नमः

    104. ॐ जितनाथ नमः

    105. ॐ वृषेश्वर नमः

    106. ॐ भूतेश्वर नमः

    107. ॐ बैजूनाथ नमः

    108. ॐ नागेश्वर नमः

    यह भी पढ़ें: पितृ दोष से मुक्ति दिलाएगा यह कवच, ऐसे प्राप्त करें अपने पूर्वजों का आशीर्वाद

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।