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    Chanakya Niti: किन स्थितियों में गुस्सा करने से हो सकता है नुकसान? जरूर पढ़ें ये जरूरी बातें

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 04:37 PM (IST)

    चाणक्य नीति जीवन को सरल बनाने में मदद करती है, बस जरूरत है, तो इसमें लिखी बातों को जीवन में अपनाते की। चाणक्य नीति में बताया गया है कि व्यक्ति को कुछ ...और पढ़ें

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    Chanakya Niti In hindi (AI Generated Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य भारतीय इतिहास के विद्वानों में से एक रहे हैं, जिन्हें अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र का जनक के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने अपनी चाणक्य नीति (Chanakya Niti tips in hindi) में जीवन के भी कई पहलुओं के बारे में बताया है, जो आपको मुश्किल हालातों से निकलने में मदद कर सकते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि चाणक्य नीति के अनुसार, किन चीजों पर व्यक्ति को गुस्सा नहीं करना चाहिए।

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    क्रोध से और खराब होंगे हालात

    कई बात जीवन में ऐसे हालात पैदा हो जाते हैं, जिसपर हमारा कोई काबू नहीं होता। चाणक्य नीति में बताया गया है कि इस स्थिति में व्यक्ति को अपने गुस्से को शांत रखते हुए धैर्य से काम लेना चाहिए। क्योंकि ऐसी स्थिति में अगर हम गुस्सा करते हैं, तो इससे हालात बेहतर नहीं होंगे, बल्कि और बिगड़ जाएंगे।

    साथ ही चाणक्य नीति में यह भी बताया गया है कि गुस्से में लिए गए फैसले हमेशा नुकसान ही करते हैं। इसलिए आपको ऐसी परिस्थिति में अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए।

    Chanakya i

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    इस स्थिति में न करें गुस्सा

    कई माता-पिता छोटी-मोटी बातों पर ही अपने बच्चों को डाटते हैं या गुस्सा कर देते हैं। इस विषय पर आचार्य चाणक्य का कहना है कि बच्चे अपनी गलतियों से सीखते हैं और नए-नए अनुभव हासिल करते हैं। ऐसे में अगर हम उन पर गुस्सा करेंगे, तो वह प्रयास करना छोड़ देंगे और कई नए अनुभवों से वंचित रह जाएंगे। ऐसे में माता-पिता को बच्चों को छोटी-छोटी गलतियों पर नहीं डाटना चाहिए।

    Chanakya Niti Tips

    ध्यान से समझें बात

    चाणक्य नीति में बताया गया है कि हमें कभी भी घर के बड़े-बुजुर्गों की बातों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। हो सकता है कि जनरेशन गैप (generation gap) होने के कारण आपको उनके विचार समझ न आएं। लेकिन दुनिया को देखने का उनका अनुभव हमेशा हमसे ज्यादा होता है।

    इसलिए चाणक्य कहते हैं कि घर के बड़े लोगों की सलाह या बातों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए, बल्कि इन्हें धैर्य के साथ सुनना चाहिए और उनके अनुभवों का सम्मान करें। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।