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    Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 03 Apr 2025 04:26 PM (IST)

    चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025 Date) के अगले दिन से वैशाख महीने की शुरुआत होगी। वैशाख महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। इस दिन साधक अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य करते हैं।

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    Chaitra Purnima 2025: चैत्र पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चैत्र महीने का खास महत्व है। इस महीने का समापन चैत्र पूर्णिमा के दिन होता है। इसके अगले दिन से वैशाख महीने की शुरुआत होगी। चैत्र पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने का विधान है। साथ ही पूर्णिमा तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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    इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। पूर्णिमा तिथि पर श्रीसत्यनारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही दान-पुण्य किया जाता है। इस दिन पूजा के समय लक्ष्मी नारायण जी को श्रीफल और चावल की खीर अवश्य ही अर्पित करें। आइए, चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2025 Date) की सही डेट , शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-  

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    शुभ मुहूर्त (Chaitra Purnima 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल को देर रात 03 बजकर 21 मिनट पर चैत्र पूर्णिमा की शुरुआत होगी। वहीं, 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर चैत्र पूर्णिमा समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अत: 12 अप्रैल के दिन चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी।

    चैत्र पूर्णिमा शुभ योग (Chaitra Purnima 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र पूर्णिमा के शुभ अवसर पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इनमें दुर्लभ भद्रावास योग का संयोग शाम 04 बजकर 35 मिनट तक है। इसदौरान भद्रा पाताल लोक में रहेंगी। भद्रा के पाताल में रहने के दौरान पूजा-पाठ करने से सुखों में वृद्धि होती है। इसके साथ ही हस्त और चित्रा नक्षत्र का संयोग है। 

    पंचांग 

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।