Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ghatasthapana Samagri 2025: ग्रहण के बाद होगा माता रानी का आगमन, नोट कर लें घटस्थापना की सामग्री

    Updated: Sat, 29 Mar 2025 02:27 PM (IST)

    इस बार चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है और इसी के बाद माता रानी की पूजा-अर्चना शुरू होती है। ऐसे में घटस्थापना से जुड़ी सभी जरूरी सामग्री अभी से नोट कर लें ताकि आपकी पूजा में किसी तरह का विघ्न न आए।

    Hero Image
    Chaitra Navratri 2025 Ghatasthapana Samagri (Picture Credit: Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र के एक दिन पहले यानी 29 मार्च को ग्रहण का साया रहने वाला है। ग्रहण की समाप्ति के साथ ही माता रानी का आगमन होगा। हिंदू धर्म में नवरात्र की अवधि नवदुर्गाओं की पूजा-अर्चना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस पवित्र अवधि में आप दुर्गा के नौ रूपों की उपासना करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घट स्थापना मुहूर्त (Ghatasthapana shubh muhurat)

    चैत्र नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पर घट स्थापना के लिए ये शुभ मुहूर्त बन रहे हैं -

    घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 22 मिनट तक

    घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक

    (Picture Credit: Freepik)

    घटस्थापना की सामग्री लिस्ट(Ghatasthapana Samagri)

    • मिट्टी का बर्तन
    • कलश
    • अनाज, साफ जवा
    • किसी पवित्र स्थान की मिट्टी (मंदिर आदि)
    • अखंड ज्योति के लिए बड़ा दीया, रुई की बाती
    • गंगाजल
    • आम या अशोक के पत्ते
    • सुपारी, मौली, रोली
    • जटा वाला नारियल
    • लाल सूत्र, सिक्का
    • इलायची, लौंग, कपूर  
    • अक्षत, हल्दी
    • लाल कपड़ा
    • फूल, फूल माला

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    (Picture Credit: Freepik)

    यह भी पढ़ें - Chaitra Navratri 2025: इन चीजों से टूट सकता है नवरात्र व्रत, जानिए क्या खाएं और क्या नहीं?

    घट स्थापना की विधि (Kalash Sthapana Niyam)

    सबसे पहले नवरात्र के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद उस स्थान की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव करें जहां आपको घट स्थापना करनी है। कलश स्थापना के लिए उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा को उत्तम माना गया है। इसके बाद हल्दी से अष्टदल बनाएं। इसके बाद कलश में साफ जल लें और उसमें हल्दी, अक्षत, लौंग, सिक्का, इलायची, पान और कुछ फूल डालें।

    चैत्र नवरात्र की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।

    कलश के ऊपर रोली से स्वास्तिक बनाएं और उसपर मौली लपेट दें। कलश के ऊपर पांच आम के पत्ते या फिर अशोक के पत्ते रखें और  उसके ऊपर नारियल रख दें। अब एक मिट्टी के पात्र में साफ मिट्टी डालें और उसमें सात तरह के अनाज या जवां बोएं। इसके बाद घी का दीपक जलाकर सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और इसके बाद माता रानी की पूजा करें। इस दिन पर अखंड ज्योत भी जरूर जलाएं।

    यह भी पढ़ें - Chaitra Navratri 2025: नवरात्र में करें नौ देवियों के मंत्रों का जप, घर आएगी सुख-समृद्धि

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।