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    Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र के सातवें दिन शोभन योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Thu, 03 Apr 2025 02:41 PM (IST)

    धार्मिक मत है कि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025 Day 7) के सातवें दिन मां काली की पूजा करने से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। देवी मां काली की कृपा से साधक की सारी बलाएं टल जाती हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं शांति आती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में देवी मां काली की विशेष पूजा की जाती है।

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    Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र में क्या करें और क्या न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2025 Day 7: वैदिक पंचांग के अनुसार, शुक्रवार 04 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि है। चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि पर देवी मां काली की पूजा एवं साधना की जाती है। साथ ही मां काली के निमित्त नवरात्र के सातवें दिन का व्रत रखा जाता है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि पर दुर्लभ शोभन और भद्रावास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां काली (Navratri 2025 Day 7 Shobhan Yoga) की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि रात 08 बजकर 11 मिनट तक है। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा के सप्तम स्वरूप मां काली की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।

    भद्रावास योग

    चैत्र नवरात्र के सप्तमी तिथि पर भद्रावास योग (Navratri Shivvas Yoga) का भी संयोग बन रहा है। शिववास योग रात 8 बजकर 12 मिनट तक है। इस योग में देवी मां काली की पूजा करने से सुखों में वृद्धि होगी।

    शोभन योग 

    चैत्र नवरात्र के सातवें दिन दुर्लभ शोभन योग (Navratri Shobhan Yoga) का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग रात 09 बजकर 45 मिनट तक है। शोभन योग में मां काली की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

    अभिजीत मुहूर्त

    चैत्र नवरात्र के छठे दिन अभिजीत मुहूर्त (Navratri Yog) का भी निर्माण हो रहा है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 49 मिनट तक है। इस दौरान देवी मां काली की पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलेगी।

    नक्षत्र एवं करण

    चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि पर आर्द्रा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही गर और वणिज करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष गर और वणिज करण को शुभ मानते हैं। इन योग में जगत जननी देवी मां कालरात्रि की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृ्द्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर
    • चंद्रास्त- देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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