Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र के छठे दिन 'सौभाग्य' योग समेत बन रहे हैं कई अद्भुत संयोग, मिलेगा दोगुना फल
ज्योतिष अविवाहित लड़कियों को शीघ्र विवाह के लिए मां कात्यायनी की पूजा करने की सलाह देते हैं। मां कात्यायनी (Chaitra Navratri 2025) की पूजा करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में मां कात्यायनी की विशेष पूजा की जाती है। दिल्ली के छतरपुर स्थित मां कात्यायनी मंदिर में भव्य पूजा का आयोजन किया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 03 अप्रैल को चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि है। चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि पर मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा एवं साधना की जाती है। साथ ही मां कात्यायनी के निमित्त नवरात्र के छठे दिन का व्रत रखा जाता है।
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि पर दुर्लभ सौभाग्य और शिववास योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां कात्यायनी (Navratri 2025 Day 6 Saubhagya Yoga) की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि रात 09 बजकर 41 मिनट तक है। इसके बाद सप्तमी तिथि शुरू होगी। चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि पर जगत जननी आदिशक्ति देवी मां दुर्गा के षष्ठ स्वरूप मां कात्यायनी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है।
शिववास योग
चैत्र नवरात्र के छठे दिन शिववास योग (Navratri Shivvas Yoga) का भी संयोग बन रहा है। शिववास योग रात 09 बजकर 41 मिनट तक है। इस योग में देवी मां कात्यायनी की पूजा-भक्ति करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
सौभाग्य योग
चैत्र नवरात्र के छठे दिन दुर्लभ सौभाग्य योग (Navratri Saubhagya Yoga) का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग देर रात 12 बजकर 01 मिनट तक है। सौभाग्य योग में मां कात्यायनी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
अभिजीत मुहूर्त
चैत्र नवरात्र के छठे दिन अभिजीत मुहूर्त (Navratri Yog) का भी निर्माण हो रहा है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक है। इस दौरान मां कात्यायनी की पूजा करने से शुभ कामों में सिद्धि मिलेगी।
नक्षत्र एवं करण
चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि पर रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही कौलव, तैतिल और गर करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष कौलव, तैतिल और गर करण को शुभ मानते हैं। इन योग में जगत जननी देवी मां कात्यायनी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृ्द्धि होगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 40 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 02 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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