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    Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी कब है? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025 Yoga) पर रवि योग का संयोग है। इस योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान मिलेगा। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं शांति आएगी। भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 01 Apr 2025 07:06 AM (IST)
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    Kamada Ekadashi 2025: कामदा एकादशी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कामदा एकादशी का खास महत्व है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जग के नाथ भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही एकादशी पर फलाहार व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है। साथ ही जन्म-जन्मांतर में किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। आइए, कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025 Date) के बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Kamada Ekadashi Shubh Muhurat)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 07 अप्रैल को रात 08 बजे शुरू होगी और 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसका तात्पर्य यह है कि सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। इसके लिए 08 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी।

    कामदा एकादशी पारण समय (Kamada Ekadashi Paran Timing)

    कामदा एकादशी का पारण 09 अप्रैल को किया जाएगा। साधक 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं। इस दौरान साधक गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। इसके बाद विधिवत लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। पूजा समाप्त होने के बाद अन्न दान कर व्रत खोलें।

    कामदा एकादशी शुभ योग (Kamada Ekadashi Shubh Yoga)

    ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि का संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। रवि योग भी सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 55 मिनट तक है। इसके साथ ही अश्लेषा और मघा नक्षत्र का संयोग है। वहीं, वणिज एवं बव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट पर
    • चंद्रोदय- दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 06 मिनट पर (09 अप्रैल)
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त- रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक  

    कामदा एकादशी पूजा विधि(Kamada Ekadashi Puja Vidhi)

    एकादशी व्रत नियम की शुरुआत दशमी तिथि से होती है। इसके लिए वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को स्नान-ध्यान के बाद लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। इसके बाद सात्विक भोजन ग्रहण करें। इस दिन तामसिक भोजन न ग्रहण करें। इसके अगले दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें। गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें।

    नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद गंगाजल युक्त पानी से स्नान-ध्यान करें। अब आचमन कर पीले रंग के कपड़े पहनें। इस समय सबसे पहले सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद पंचोपचार कर विधिवत भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को फल, फूल, हल्दी, मिष्ठान आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ का जप करें। साथ ही भगवान विष्णु के नामों का जप करें। पूजा के अंत में आरती अर्चना कर सुख और शांति की कामना जगत के पालनहार भगवान विष्णु से करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।