कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा इन विशेष मंत्रों का जप, खुलेंगे भाग्य के बंद दरवाजे
वैदिक पंचांग के अनुसार बुधवार 14 मई को ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश (Lord Ganesh Puja Vidhi) और ग्रहों के राजकुमार बुध देव की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साथ ही पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य किया जाएगा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश और ग्रहों के राजकुमार बुध देव की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वरदान पाने के लिए बुधवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को करियर और कारोबार में विशेष सफलता मिलती है। साथ ही आर्थिक संकटों से भी मुक्ति मिलती है।
ज्योतिषियों की मानें तो कुडंली में बुध कमजोर होने से जातक को बिजनेस में परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, जातक फैसले लेने में भी अमसर्थ रहता है। इसके लिए नियमित रूप से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए साथ हरी सब्जियों का दान करें। वहीं, बुधवार के दिन पूजा के समय बुध देव के नामों का जप करें।
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बुध देव के 108 नाम
- ॐ बुधाय नमः।
- ॐ बुधार्चिताय नमः।
- ॐ सौम्याय नमः।
- ॐ सौम्यचित्ताय नमः।
- ॐ शुभप्रदाय नमः।
- ॐ दृढव्रताय नमः।
- ॐ दृढफलाय नमः।
- ॐ श्रुतिजालप्रबोधकाय नमः।
- ॐ सत्यवासाय नमः।
- ॐ सत्यवचसे नमः।
- ॐ श्रेयसां पतये नमः।
- ॐ अव्ययाय नमः।
- ॐ सोमजाय नमः।
- ॐ सुखदाय नमः।
- ॐ श्रीमते नमः।
- ॐ सोमवंशप्रदीपकाय नमः।
- ॐ वेदविदे नमः।
- ॐ वेदतत्त्वाशाय नमः।
- ॐ वेदान्तज्ञानभास्कराय नमः।
- ॐ विद्याविचक्षणाय नमः।
- ॐ विदुषे नमः।
- ॐ विद्वत्प्रीतिकराय नमः।
- ॐ ऋजवे नमः।
- ॐ विश्वानुकूलसञ्चाराय नमः।
- ॐ विशेषविनयान्विताय नमः।
- ॐ विविधागमसारज्ञाय नमः।
- ॐ वीर्यवते नमः।
- ॐ विगतज्वराय नमः।
- ॐ त्रिवर्गफलदाय नमः।
- ॐ अनन्ताय नमः।
- ॐ त्रिदशाधिपपूजिताय नमः।
- ॐ बुद्धिमते नमः।
- ॐ बहुशास्त्रज्ञाय नमः।
- ॐ बलिने नमः।
- ॐ बन्धविमोचकाय नमः।
- ॐ वक्रातिवक्रगमनाय नमः।
- ॐ वासवाय नमः।
- ॐ वसुधाधिपाय नमः।
- ॐ प्रसन्नवदनाय नमः।
- ॐ वन्द्याय नमः।
- ॐ वरेण्याय नमः।
- ॐ वाग्विलक्षणाय नमः।
- ॐ सत्यवते नमः।
- ॐ सत्यसङ्कल्पाय नमः।
- ॐ सत्यबन्धवे नमः।
- ॐ सदादराय नमः।
- ॐ सर्वरोगप्रशमनाय नमः।
- ॐ सर्वमृत्युनिवारकाय नमः।
- ॐ वाणिज्यनिपुणाय नमः।
- ॐ वश्याय नमः।
- ॐ वाताङ्गाय नमः।
- ॐ वातरोगहृते नमः।
- ॐ स्थूलाय नमः।
- ॐ स्थैर्यगुणाध्यक्षाय नमः।
- ॐ स्थूलसूक्ष्मादिकारणाय नमः।
- ॐ अप्रकाशाय नमः।
- ॐ प्रकाशात्मने नमः।
- ॐ घनाय नमः।
- ॐ गगनभूषणाय नमः।
- ॐ विधिस्तुत्याय नमः।
- ॐ विशालाक्षाय नमः।
- ॐ विद्वज्जनमनोहराय नमः।
- ॐ चारुशीलाय नमः।
- ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
- ॐ चपलाय नमः।
- ॐ जितेन्द्रियाय नमः।
- ॐ उदङ्मुखाय नमः।
- ॐ मखासक्ताय नमः।
- ॐ मगधाधिपतये नमः।
- ॐ हरये नमः।
- ॐ सौम्यवत्सरसञ्जाताय नमः।
- ॐ सोमप्रियकराय नमः।
- ॐ महते नमः।
- ॐ सिंहाधिरूढाय नमः।
- ॐ सर्वज्ञाय नमः।
- ॐ शिखिवर्णाय नमः।
- ॐ शिवङ्कराय नमः।
- ॐ पीताम्बराय नमः।
- ॐ पीतवपुषे नमः।
- ॐ पीतच्छत्रध्वजाङ्किताय नमः।
- ॐ खड्गचर्मधराय नमः।
- ॐ कार्यकर्त्रे नमः।
- ॐ कलुषहारकाय नमः।
- ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः।
- ॐ अत्यन्तविनयाय नमः।
- ॐ विश्वपवनाय नमः।
- ॐ चाम्पेयपुष्पसङ्काशाय नमः।
- ॐ चारणाय नमः।
- ॐ चारुभूषणाय नमः।
- ॐ वीतरागाय नमः।
- ॐ वीतभयाय नमः।
- ॐ विशुद्धकनकप्रभाय नमः।
- ॐ बन्धुप्रियाय नमः।
- ॐ बन्धमुक्ताय नमः।
- ॐ बाणमण्डलसंश्रिताय नमः।
- ॐ अर्केशाननिवासस्थाय नमः।
- ॐ तर्कशास्त्रविशारदाय नमः।
- ॐ प्रशान्ताय नमः।
- ॐ प्रीतिसंयुक्ताय नमः।
- ॐ प्रियकृते नमः।
- ॐ प्रियभूषणाय नमः।
- ॐ मेधाविने नमः।
- ॐ माधवसक्ताय नमः।
- ॐ मिथुनाधिपतये नमः।
- ॐ सुधिये नमः।
- ॐ कन्याराशिप्रियाय नमः।
- ॐ कामप्रदाय नमः।
- ॐ घनफलाश्रयाय नमः।
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