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    Vrishabha Sankranti पर करें मां गंगा के नामों का पाठ, सभी पापों का होगा नाश

    ज्योतिषियों की मानें तो संक्रांति तिथि (Vrishabha Sankranti 2025) पर आत्मा के कारक सूर्य देव की पूजा करने से आरोग्यता का वरदान मिलता है। साथ ही संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य किया जाता है। कहते हैं कि संक्रांति तिथि पर तिल का दान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 12 May 2025 09:00 PM (IST)
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    Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, गुरुवार 15 मई को वृषभ संक्रांति है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान करने से साधक को पुण्य फल मिलता है।

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    धार्मिक मत है कि संक्रांति तिथि पर गंगा स्नान कर सूर्य देव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ तिथि पर पितरों की भी पूजा की जाती है। संक्रांति तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, साधक पर पितरों की कृपा बरसती है।

    अगर आप भी देवी मां गंगा की कृपा पाना चाहते हैं, तो वृषभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान अवश्य करें। इसके बाद सूर्य देव संग मां गंगा की पूजा करें। वहीं, गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस समय मां गंगा के नामों का मंत्र जप अवश्य करें।

    यह भी पढ़ें: Vrishabha Sankranti पर जरूर करें सूर्य देव के मंत्रों का जप, मिलेगी मनचाही जॉब

    मां गंगा के 108 नाम

    1. ॐ गङ्गायै नमः

    2. ॐ त्रिपथगादेव्यै नमः

    3. ॐ शम्भुमौलिविहारिण्यै नमः

    4. ॐ जाह्नव्यै नमः

    5. ॐ पापहन्त्र्यै नमः

    6. ॐ महापातकनाशिन्यै नमः

    7. ॐ पतितोद्धारिण्यै नमः

    8. ॐ स्रोतस्वत्यै नमः

    9. ॐ परमवेगिन्यै नमः

    10. ॐ विष्णुपादाब्जसम्भूतायै नमः

    11. ॐ विष्णुदेहकृतालयायै नमः

    12. ॐ स्वर्गाब्धिनिलयायै नमः

    13. ॐ साध्व्यै नमः

    14. ॐ स्वर्णद्यै नमः

    15. ॐ सुरनिम्नगायै नमः

    16. ॐ मन्दाकिन्यै नमः

    17. ॐ महावेगायै नमः

    18. ॐ स्वर्णशृङ्गप्रभेदिन्यै नमः

    19. ॐ देवपूज्यतमायै नमः

    20. ॐ पुण्यायै नमः

    21. ॐ परमाह्लाददायिन्यै नमः

    22. ॐ पार्वत्यै नमः

    23. ॐ शिवपत्न्यै नमः

    24. ॐ शिवशीर्षगतालयायै नमः

    25. ॐ शम्भोर्जटामध्यगतायै नमः

    26. ॐ निर्मलायै नमः

    27. ॐ निर्मलाननायै नमः

    28. ॐ महाकलुषहन्त्र्यै नमः

    29. ॐ जह्नुपुत्र्यै नमः

    30. ॐ जगत्प्रियायै नमः

    31. ॐ त्रैलोक्यपावन्यै नमः

    32. ॐ पूर्णायै नमः

    33. ॐ पूर्णब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः

    34. ॐ जगत्पूज्यतमायै नमः

    35. ॐ चारुरूपिण्यै नमः

    36. ॐ जगदम्बिकायै नमः

    37. ॐ लोकानुग्रहकर्त्र्यै नमः

    38. ॐ सर्वलोकदयापरायै नमः

    39. ॐ याम्यभीतिहरायै नमः

    40. ॐ तारायै नमः

    41. ॐ पारायै नमः

    42. ॐ दिव्यायै नमः

    43. ॐ दिव्यस्थाननिवासिन्यै नमः

    44. ॐ सुचारुनीररुचिरायै नमः

    45. ॐ महापर्वतभेदिन्यै नमः

    46. ॐ भागीरथ्यै नमः

    47. ॐ भगवत्यै नमः

    48. ॐ महामोक्षप्रदायिन्यै नमः

    49. ॐ सिन्धुसङ्गगतायै नमः

    50. ॐ शुद्धायै नमः

    51. ॐ त्रिनयनायै नमः

    52. ॐ त्रिलोचनमनोरमायै नमः

    53. ॐ सप्तधारायै नमः

    54. ॐ शतमुख्यै नमः

    55. ॐ सगरान्वयतारिण्यै नमः

    56. ॐ मुनिसेव्यायै नमः

    57. ॐ तेजस्विन्यै नमः

    58. ॐ मुनिसुतायै नमः

    59. ॐ शिववल्लभायै नमः

    60. ॐ जह्नुजानुप्रभेदिन्यै नमः

    61. ॐ मकरस्थायै नमः

    62. ॐ सर्वगतायै नमः

    63. ॐ सर्वाशुभनिवारिण्यै नमः

    64. ॐ सुदृश्यायै नमः

    65. ॐ चाक्षुषीतृप्तिदायिन्यै नमः

    66. ॐ मकरालयायै नमः

    67. ॐ सदानन्दमय्यै नमः

    68. ॐ नित्यानन्ददायै नमः

    69. ॐ नगपूजितायै नमः

    70. ॐ सर्वदेवाधिदेवैः परिपूज्यपदाम्बुजायै नमः

    71. ॐ रसातलनिवासिन्यै नमः

    72. ॐ महाभोगायै नमः

    73. ॐ भोगवत्यै नमः

    74. ॐ पितृसन्तृप्तिदायिन्यै नमः

    75. ॐ शिवसायुज्यदायिन्यै नमः

    76. ॐ शिवदायै नमः

    77. ॐ सर्वायै नमः

    78. ॐ चतुर्वेदमय्यै नमः

    79. ॐ सुभगानन्ददायिन्यै नमः

    80. ॐ महापापहरायै नमः

    81. ॐ संसारतारिण्यै नमः

    82. ॐ ब्रह्माण्डभेदिन्यै नमः

    83. ॐ ब्रह्मकमण्डलुकृतालयायै नमः

    84. ॐ सौभाग्यदायिन्यै नमः

    85. ॐ पुंसां निर्वाणपददायिन्यै नमः

    86. ॐ अचिन्त्यचरितायै नमः

    87. ॐ चारुरुचिरातिमनोहरायै नमः

    88. ॐ मर्त्यस्थायै नमः

    89. ॐ मृत्युभयहायै नमः

    90. ॐ स्वर्गमोक्षप्रदायिन्यै नमः

    91. ॐ पापापहारिण्यै नमः

    92. ॐ दूरचारिण्यै नमः

    93. ॐ वीचिधारिण्यै नमः

    94. ॐ कारुण्यपूर्णायै नमः

    95. ॐ करुणामय्यै नमः

    96. ॐ दुरितनाशिन्यै नमः

    97. ॐ गिरिराजसुतायै नमः

    98. ॐ गौरीभगिन्यै नमः

    99. ॐ गिरिशप्रियायै नमः

    100. ॐ मेनकागर्भसम्भूतायै नमः

    101. ॐ मैनाकभगिनीप्रियायै नमः

    102. ॐ आद्यायै नमः

    103. ॐ त्रिलोकजनन्यै नमः

    104. ॐ त्रैलोक्यपरिपालिन्यै नमः

    105. ॐ तीर्थश्रेष्ठतमायै नमः

    106. ॐ श्रेष्ठायै नमः

    107. ॐ सर्वतीर्थमय्यै नमः

    108. ॐ शुभायै नमः

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।