Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा पर किस तरह पा सकते हैं लाभ, जानें ये जरूरी बातें
बुद्धि पूर्णिमा हिंदू धर्म में भी एक खास तिथि मानी गई है। यह दिन गौतम बुद्ध को समर्पित है जो बौद्ध धर्म के संस्थाक हैं। ऐसे में यह दिन बौद्ध धर्म में अनुयायियों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आपको इस दिन पर क्या करना चाहिए और किन कामों से दूरी बनानी चाहिए।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2025) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसके साथ ही इस तिथि पर गौतम बुद्ध के जीवन में और भी दो महत्वपूर्ण घटनाएं हुई हैं। बौद्ध संप्रदाय के अनुयायी इस दिन को बड़े ही उत्साह के मनाते हैं।
क्यों खास है वैशाख पूर्णिमा का दिन
वैशाख पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध (Gautam Buddha) के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई थी जिसमें उनका जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और महापरिनिर्वाण (प्राणों का त्याग) शामिल है। इसलिए इस दिन को बौद्ध धर्म में "तीन बार धन्य उत्सव" माना जाता है।
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जरूर करें ये काम
बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह प्रातःकाल में उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद सफेद कपड़े पहनें। इसके बाद अपनी श्रद्धा के अनुसार, भगवान बुद्ध की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और धूप, दीप, पुष्प, चंदन और फल आदि अर्पित करें। साथ ही इस दिन पर शांतिपाठ और भगवान बुद्ध के वचनों का पाठ भी करें।
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करें इस मंत्र का जप
बुद्ध पूर्णिमा के दिन के दिन भगवान बुद्ध का ध्यान करते हुए ‘बुद्धं शरणं गच्छामि’ मंत्र का जप करते हैं। ऐसा करने से आपको भगवान बुद्ध का आशीर्वाद तो मिलता ही है, साथ ही मानसिक शांति का भी अनुभव होता है। इसी के साथ आप इस दिन पर जरुरमंद लोगों को अपनी श्रमता के अनुसार दान भी कर सकते हैं।
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न करें ये गलती
बुद्ध पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन, मांस-मदिरा और प्याज-लहसुन आदि के सेवन से बचना चाहिए। स दिन पर केवल सात्विक भोजन करें। साथ ही इस दिन पर किसी तरह की हिंसा से भी दूर रहें और किसी तरह का लड़ाई-झगड़ा, झूठ बोलना या किसी को नुकसान पहुंचाने जैसे कार्य न करें।
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