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    Buddha Purnima 2025: मई महीने में कब है बुद्ध पूर्णिमा? अभी जान लें पूजा का शुभ समय

    सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि पूर्णिमा तिथि (Buddha Purnima 2025 Date) पर सत्यनारायण पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त दुखों का नाश होता है। साथ ही घर में सुख और शांति बनी रहती है। पूर्णिमा तिथि पर बड़ी संख्या में साधक गंगा नदी में स्नान-ध्यान करते हैं।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 30 Apr 2025 02:12 PM (IST)
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    Buddha Purnima 2025: भगवान बुद्ध को प्रसन्न कैसे करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वैशाख पूर्णिमा का खास महत्व है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके बाद जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस शुभ तिथि पर सत्यनारायण देव की भी पूजा की जाती है।

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    धार्मिक मत है कि वैशाख पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। वहीं, भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। लेकिन क्या आपको पता है कि बुद्ध पूर्णिमा कब है? आइए, बुद्ध पूर्णिमा की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    बुद्ध पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Buddha Purnima 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 मई को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत होगी। वहीं, 12 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। इसके लिए 12 मई को वैशाख पूर्णिमा है। वैशाख पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। इसके लिए 12 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।

    बुद्ध पूर्णिमा शुभ योग (Buddha Purnima 2025 Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो बुद्ध पूर्णिमा पर दुर्लभ वरीयान योग का संयोग बन रहा है। वरीयान योग का संयोग रात भर है। इसके साथ ही रवि योग का भी संयोग है। रवि योग सुबह 05 बजकर 32 मिनट से लेकर सुबह 06 बजकर 17 मिनट तक है। इस योग में स्नान-दान करने से आरोग्यता का वरदान मिलेगा। वहीं, भगवान बुद्ध की पूजा एवं साधना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। रवि योग में स्नान, पूजा, जप, तप एवं दान करना उत्तम माना जाता है।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 03 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 02 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।