Blue Sapphire Overnight Impact: रातों रात किस्मत बदल देता है नीलम, जानिए कौन पहन सकता है और कब
Blue Sapphire Overnight Impact यदि कुंडली में शनि की स्थिति ठीक है तो नीलम धारण करने से शनि की महादशा साढ़ेसाती अंतर्दशा और ढैय्या का प्रकोप कम होता है। यदि यह रत्न सूट नहीं करता है तो इसे पहनने वाला हादसे का शिकार हो सकता है नौकरी या व्यापार में हानि उठा सकते है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Blue Sapphire Overnight Impact: ज्योतिष में न्याय के देवता शनि का संबंध जिस रत्न से है, वह नीलम है। यह ऐसा रत्न है, जो रातों रात कमाल दिखाता है। यदि यह रत्न किसी को सूट करे, तो उसके जीवन में आरोग्य, सेहत में सुधार, आर्थिक तरक्की के रास्तों को खोल देता है।
वहीं, यदि नीलम ने अपने नेगेटिव इफेक्ट दिए, तो इसे पहनने वाला व्यक्ति हादसे का शिकार हो सकता है। उसे गंभीर बीमारी हो सकती है। नौकरी या व्यवसाय में परेशानी आ सकती है। लिहाजा, नीलम को धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
नीलम पहनने से पहले करें टेस्टिंग
जैसा कि अब आपको पता है कि नीलम बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा असर डालता है, तो इसे सीधे धारण नहीं करना चाहिए। ज्योतिषी की सलाह के बाद ही इसे पहनना चाहिए। मगर, उससे पहले इसकी टेस्टिंग जरूर करनी चाहिए।
आप नीलम को सोने से पहले तकिए के नीचे रख लें। यदि उस रात को आपको गहरी नींद आती है या अच्छे सपने आते हैं, तो यह आपको सूट करेगा। ऐसी स्थिति में नीलम धारण करना चाहिए।
यदि नीलम पहनने के बाद खराब सपने आ रहे हैं या आपको नींद ही नहीं आई, तो नीलम पहनने से बचना चाहिए। यदि आपने पहले से मूंगा, माणिक्य और मोती पहना हुआ है, तो नीलम नहीं पहनना चाहिए।
किन लोगों को पहुंचाता है फायदा
यदि कुंडली में शनि की स्थिति शुभ है, तो शनि की राशि मकर और कुंभ वाले लोग नीलम को पहन सकते हैं। सही विधि और सही तरीके से नीलम पहनने पर शनिदेव मजबूत होते हैं और शुभ फल देते हैं।
कम से कम 7 से सवा 8 रत्ती का नीलम शनिवार के दिन शनि की होरा में पहनना चाहिए। वहीं, इसे मध्यमा उंगली में पहनने से पहले शुद्धि करना और जाग्रत करना जरूरी माना जाता है।
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