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    खाना खाते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलतियां, नाराज हो सकती हैं मां अन्नपूर्णा

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 03:11 PM (IST)

    भोजन हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा है जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। व्यक्ति का स्वास्थ्य भी भोजन से ही जुड़ा होता है। ऐसे में अगर आप भोजन करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपको मां अन्नपूर्णा की कृपा मिल ध्यान रखते हैं तो आपको इसका लाभ अपने जीवन में देखने को मिल सकता है।

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    Bhojan Karne Ke Niyam in hindi (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म शास्त्रों में व्यक्ति के सुबह उठने से लेकर उसके सोने तक के नियम बताए गए हैं। इसी तरह शास्त्रों में भोजन संबंधी कुछ नियम भी मिलते हैं, जिसका ध्यान रखने पर आपको मां अन्नपूर्णा की कृपा मिल सकती है। हिंदू धर्म में मां अन्नपूर्णा को अन्न की देवी के रूप में पूजा जाता है, उनकी कृपा से साधक के अन्न के भंडार सदा भरे रहते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं भोजन (Bhojan Ke Niyam) से संबंधित कुछ नियम।

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    करें इस मंत्र का जप

    शास्त्रों में बताया गया है कि मनुष्य को हमेशा जमीन पर बैठकर ही खाना खाना करना चाहिए। जमीन पर आप कोई आसन बिछाकर बैठ सकते हैं। माना जाता है कि जमीन पर बैठकर खाना खाने से वह जल्दी पचता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसके साथ ही भोजन करने से पहले ईश्वर का धन्यवाद देना चाहिए और इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए -

    ॐ ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्‌ब्रहमाग्नौ ब्रहमणा हुतम् ।

    ब्रहमैव तेन गन्तव्यं ब्रहमकर्मसमाधिना ॥

    (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    क्या है सही दिशा

    शास्त्रों में इस बात का वर्णन किया गया है कि व्यक्ति को हमेशा पूर्व या फिर उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के लिए वह भोजन अधिक लाभकारी साबित होता है। इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि कभी भी दक्षिण या फिर दिशा की ओर मुख करके भोजन न खाएं। ऐसा करने से रोगों में वृद्धि हो सकती है।

    न करें ये गलतियां

    शास्त्रों में कहा गया है कि कभी भी भोजन का अपमान नहीं करना चाहिए, अन्यथा आपको मां अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हमेशा उतना ही भोजन लें, जितना आपकी खाने की इच्छा हो।

    थाली में भोजन न छोड़ें, किसी कारणवश छोड़ रहे हैं, तो उसे फेकने के स्थान पर किसी जानवर (गाय को झूठा भोजन न दें) को दे सकते हैं। इसके साथ ही कभी टूटे-फूटे बर्तनों में भोजन न करें और बिस्तर पर बैठकर भोजन करें। साथ ही भोजन करने से पहले हमेशा ईश्वर को धन्यवाद भी दें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।