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    भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का रहस्य, इसका महत्व और जानिए कैसे पहुंचे

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 03:37 PM (IST)

    भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है। यहाँ भगवान शिव और राक्षस भीम के बीच युद्ध हुआ था। देवताओं के अनुरोध पर शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हुए। मंदिर के पास भीमा नदी बहती है जो भगवान शिव के पसीने से बनी मानी जाती है।

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    पुणे से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित है भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्री पर्वत पर स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग, भगवान शिव और राक्षस भीम के बीच हुए युद्ध और भगवान शिव के वहां ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित होने की कथा से जुड़ा है। 

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    इसकी पौराणिक कथा के अनुसार, रावण के भाई कुंभकर्ण का पुत्र भीम अत्याचारी बन गया था। वह भगवान राम से अपने पिता की मृत्यु का बदला लेना चाहता था। उसने ब्रह्माजी की कठोर तपस्या की और उनके कई वरदान प्राप्त किए। इसके बाद अजेय होकर उसने राजा सुदक्षिण को बंदी बना लिया। 

    राजा ने पार्थिव शिवलिंग बनाकर शिव की तपस्या की। भीम जब राजा को मारने पहुंचा, तब भगवान शिव ने प्रकट होकर भीम का वध किया। देवताओं ने भगवान शिव से उस स्थान पर ज्योतिर्लिंग के रूप में निवास करने का अनुरोध किया। इसके बाद इस जगह को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाने लगा। 

    मोटेश्वर महादेव भी है इनका नाम 

    इस मंदिर के पास भीमा नदी बहती है। एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, त्रेता युग में यहां भगवान शिव (Lord Shiva) और त्रिपुरासुर राक्षस के बीच युद्ध हुआ था। इस दौरान यहां इतनी गरमी उत्पन्न हुई, जिससे भीमा नदी सूख गई। कहते हैं कि भगवान शिव के पसीने से इस नदी में फिर से पानी आया था।

    यह ज्योतिर्लिंग भगवान शिव की शक्ति और उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा का प्रतीक है। यह ज्योतिर्लिंग इस बात का प्रतीक है कि सच्चे भक्तों की रक्षा के लिए भगवान शिव सदैव तत्पर रहते हैं। इस ज्योतिर्लिंग का आकार बहुत बड़ा और मोटा है। इस वजह से भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव (Moteshwar Mahadev) भी कहा जाता है। 

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    कैसे पहुंचे यहां 

    ज्योतिर्लिंग के पास भीमाशंकर गुफा है, जो पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है। यह जगह वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र भी है और यहां विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों की रक्षा की जाती है। यहां जाने के लिए आपको पुणे शहर तक पहुंचना होगा। यह देश के सभी बड़े शहरों से हवाई, सड़क और रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है। 

    पुणे से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी या फिर निजी वाहन से जा सकते हैं। पुणे से सुबह 5:30 शाम 4 बजे तक नियमित तौर पर भीमाशंकर के लिए बस सुविधा मिलती है। 

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।