Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतुर्थी पर पूजा के समय करें ये उपाय, दौड़ने लगेगा कारोबार
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025 Upay) पर ध्रुव और भद्रावास योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता एवं सिद्धि मिलेगी। साथ ही सभी बिगड़े काम बनने लगेंगे। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की भक्ति भाव और विधि विधान से पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवार 17 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर साल चैत्र महीने में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। भगवान गणेश की कृपा से धन की परेशानी दूर होती है।
ज्योतिष कारोबार में तरक्की और उन्नति पाने के लिए भगवान गणेश की पूजा करने की सलाह देते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। बुध के मजबूत रहने से जातक को कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। अगर आप भी कारोबार में दोगुना लाभ पाना चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर पूजा के समय ये उपाय जरूर करें।
भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट तक है। साधक 17 मार्च को व्रत रख भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं। वहीं, पूजा के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार दान अवश्य करें।
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उपाय
- अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर भक्ति भाव से गणपति बप्पा की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय गणपति बप्पा को मोदक अवश्य अर्पित करें। गणपति बप्पा को मोदक अति प्रिय है। इस उपाय को करने से व्रती को मनचाहा वरदान मिलता है।
- कुंडली में बुध ग्रह मजबूत करने के लिए पूजा के समय गाय के दूध में दूर्वा मिलाकर भगवान गणेश का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से बुध देव की कृपा व्रती पर बरसती है। उनकी कृपा से सकल मनोरथ (सभी मनोकामनाएं) पूर्ण होते हैं।
- अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो गन्ने के रस से भगवान गणेश का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से पैसों की तंगी दूर होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- अगर आप कारोबार में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा के समय विषम संख्या में दूर्वा अर्पित करें। इस उपाय को करने से भगवान गणेश की कृपा साधक पर बरसती है। इस समय ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें।
ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्॥
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे॥
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्॥
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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