Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pradosh Vrat 2025: 20 या 21 अगस्त, कब है प्रदोष व्रत? यहां पता करें शुभ मुहूर्त और योग

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 08:31 PM (IST)

    देवों के देव महादेव बड़े ही दयालु और कृपालु हैं। अपनी विशेष कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। वहीं दुष्टों का संहार करते हैं। उनके शरण-चरण में रहने वाले साधक जीवन भर आनंद में रहते हैं। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इस समय गंगाजल या कच्चे दूध से अभिषेक किया जाता है।

    Hero Image
    Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवों के देव महादेव की महिमा निराली है। महादेव स्वयं वैराग्य जीवन जीते हैं, लेकिन अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। उनकी कृपा से भक्तजन निहाल हो जाते हैं। आसान शब्दों में कहें तो भक्तजनों को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहते हैं कि भगवान शिव के भक्तों को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं होती है। इसके लिए भक्तजन सोमवार, त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि पर देवों के देव महादेव की पूजा करते हैं। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखते हैं। आइए, भाद्रपद माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की सही डेट जानते हैं-

    प्रदोष व्रत कब मनाया जाता है?

    प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर साधक भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही विशेष कामों में सिद्धि के लिए व्रत रखते हैं। इस व्रत का फल दिन अनुसार मिलता है। प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन शिव पुराण में वर्णित है।

    कब है प्रदोष व्रत?

    भाद्रपद महीने का पहला प्रदोष 20 अगस्त के दिन है। यह पर्व त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 20 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, 21 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में शिव-शक्ति की पूजा की जाती है। इसके लिए बुधवार 20 अगस्त के दिन प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

    बुध प्रदोष व्रत पर प्रदोष काल में पूजा का शुभ समय शाम 06 बजकर 56 मिनट से लेकर 09 बजकर 07 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर स्नान-ध्यान कर देवों के देव महादेव और जगत की देवी मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं। वहीं, प्रदोष काल में महादेव की पूजा- आरती अवश्य करें।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 25 मिनट से 05 बजकर 09 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 17 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक

    यह भी पढ़ें- Pradosh Vrat 2025: भाद्रपद महीने के पहले प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, खुशियों से भर जाएगा जीवन

    यह भी पढ़ें- Pradosh Vrat 2025: किस प्रदोष व्रत को करने से मिलता है कौन-सा फल, यहां जानें

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।